Lakhisarai Latest News: लखीसराय शिक्षा विभाग से सनसनीखेज मामला सामने आया है. लिपिक कमाल अशरफ पर धर्म परिवर्तन और यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस ने दर्ज कराई है.
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Lakhisarai: लखीसराय जिले के शिक्षा विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. विभाग के एक लिपिक पर एक महिला प्रखंड परियोजना प्रबंधक (बीपीएम) ने धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और गंभीर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं. पीड़िता ने स्थानीय पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें लिपिक कमाल अशरफ पर संगीन आरोप लगाए गए हैं.
पीड़िता के बयान के अनुसार, वर्ष 2024 में शिक्षा विभाग में बीपीएम के पद पर नियुक्त हुई है. जब वह 16 वर्षीय किशोरी थी तब वर्ष 2012 में लिपिक कमाल अशरफ ने धोखे से अपने प्रेम जाल में फंसाया. उस समय अशरफ जनता उच्च विद्यालय अलीनगर में कार्यरत था और उसने पीड़िता को अपना नाम सुमित कुमार बताकर दोस्ती की.
पीड़िता का आरोप है कि अशरफ उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और बालिग होने तक जमुई, आसनसोल और मुंगेर जैसे कई स्थानों पर रखकर उसका लगातार यौन शोषण करता रहा. पीड़िता को लिपिक के मुस्लिम होने की जानकारी तब मिली जब वह बालिग हो गई.
पीड़िता ने बताया कि वर्ष 2014 में गर्भवती होने पर जब उसने गर्भपात की इच्छा जताई, तो अशरफ ने उसे ऐसा नहीं करने दिया. बालिग होने पर अशरफ उसे लखीसराय न्यायालय ले गया, जहां धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज कराया गया और शादी करने की बात स्वीकार कराई गई, जिससे उस समय यह मामला शांत हो गया. जनवरी 2015 में पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद जब उसने शादी का दबाव डाला, तो सुमित ने अपना असली नाम कमाल अशरफ बताते हुए उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना शुरू कर दिया.
पीड़िता का आरोप है कि अशरफ अक्सर कहता था कि हिंदू लड़कियां सिर्फ भोग की वस्तु हैं और पत्नी का दर्जा पाने के लिए धर्म परिवर्तन जरूरी है. उसे हिंदू रीति-रिवाजों को छोड़ने, मुस्लिम धर्म अपनाने, गोमांस खाने और यहां तक कि अन्य लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया जाता था.
पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि जब उसने इन अमानवीय मांगों का विरोध किया, तो अशरफ ने उसके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया. 12 सितंबर 2024 को जब वह पूजा के लिए मंदिर जा रही थी, तो उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसके हाथ और पैर में फ्रैक्चर हो गया. पीड़िता ने अपने बयान में एक और सनसनीखेज आरोप लगाया है कि लिपिक कमाल अशरफ उस पर प्राथमिक विद्यालय मकतब बालगुदर के शिक्षक इब्राहिम अहमद उर्फ शमशाद आलम के साथ शारीरिक संबंध बनाने का भी दबाव डालता था. इसके साथ ही, उसे पूजा-पाठ सहित अन्य सनातनी परंपराओं का विरोध करने के लिए भी मजबूर किया जाता था.
पीड़िता ने तमाम प्रताड़ना सहने के बावजूद इस्लाम धर्म कबूल नहीं किया और अब वह लिपिक कमाल अशरफ और उसके सहयोगियों को कानून के शिकंजे में फंसाने के लिए पुलिस से न्याय की गुहार लगा रही है.
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गौरतलब है कि आरोपी कमाल अशरफ वर्तमान में पब्लिक प्लस टू हाई स्कूल सूर्यगढ़ा में पदस्थापित है और शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना में प्रतिनियुक्त लिपिक के पद पर कार्यरत है. इस घटना के सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और पीड़िता के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
रिपोर्ट: राज किशोर मधुकर
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