Muzaffarpur News: गर्मी बढ़ते ही मुजफ्फरपुर में फिर से 'चमकी बुखार' का कहर! SKMCH में अबतक AES के 18 मरीज भर्ती
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Muzaffarpur News: गर्मी बढ़ते ही मुजफ्फरपुर में फिर से 'चमकी बुखार' का कहर! SKMCH में अबतक AES के 18 मरीज भर्ती

AES Patients: जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क हैं और जीरो डेथ पॉलिसी पर काम कर रहे हैं. अबतक AES के 18 मरीजों का SKMCH में इलाज हो चुका है. सभी मरीज स्वस्थ्य होकर लौट चुके हैं.

मुजफ्फरपुर में AES के मरीज बढ़े
मुजफ्फरपुर में AES के मरीज बढ़े

AES Patients In Muzaffarpur: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बार फिर से चमकी बुखार का कहर देखने को मिल रहा है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, उसी तरह से जिले में AES के मामलों में बढ़ोतरी रही है. जिले में अबतक 15 मरीजों में AES की पुष्टि हुई है. वहीं गोपालगंज, शिवहर और सीतामढ़ी से एक एक मरीज मुजफ्फरपुर के SKMCH पहुंचे हैं. डॉक्टरों की तत्परता से सभी मरीज स्वस्थ्य होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं. हालांकि, स्वस्थ्य होने वाले बच्चों पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम निगरानी रख रही है और जरूरत के हिसाब से उन्हे इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. जिला प्रशासन ने इस वर्ष काफी सतर्कता बरती है.

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग AES को लेकर अलर्ट मोड पर हैं. इस साल जीरो डेथ पॉलिसी पर काम किया जा रहा हैं, जिसका रिजल्ट भी दिख रहा है. चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए अस्पतालों में स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में संध्या चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा हैं. जानकारी के मुताबिक, अबतक 18 मरीज सामने आ चुके हैं. इनमें से 15 मरीज सिर्फ मुजफ्फरपुर से सामने आए हैं. चमकी बुखार को लेकर प्रशासन ने पहले से ही मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल के एमसीएच (MCH) बिल्डिंग में 10 बेड का स्पेशल एईएस (AES) वार्ड बना लिया था. इस वार्ड में सभी अत्याधुनिक मशीने लगाई गई हैं.

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चमकी बुखार से बचाव के लिए डॉक्टरों ने तेज धूप में जाने से बचने की सलाह दी है. इसके अलावा दिन में दो बार नहाने और बच्चों को रात में पूरा भोजन करके सुलाने की सलाह दी गई है. डॉक्टरों के मुताबिक, चमकी बुखार के लक्षण दिखते ही ओआरएस का घोल या चीनी और नमक का घोल पिलायें. तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजा पानी से पोछें एवं पंखा से हवा करें. डॉक्टर की सलाह पर पारासिटामोल की गोली-सिरप मरीज को दें. अगर बच्चा बेहोश नहीं है तो साफ एवं पीने योग्य पानी में ओआरएस का घोल बनाकर पिलाएं.

रिपोर्ट- मणितोष

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