Bihar Economic Survey 2024-2025: बिहार सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 को विधानसभा में प्रस्तुत किया, जिसमें राज्य की आर्थिक स्थिति, विकास दर, निवेश, बुनियादी ढांचे, कृषि, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल प्रशासन और जलवायु परिवर्तन से संबंधित आंकड़े शामिल हैं.
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Bihar Economic Survey 2024-25: बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 को प्रस्तुत किया. यह राज्य का 19वां आर्थिक सर्वेक्षण है, जो बिहार की आर्थिक स्थिति और विकास को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद इसे सदन में रखा गया. वित्त मंत्री ने इस अवसर पर राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति और विकास की दिशा को लेकर विस्तार से चर्चा की.
1. राज्य की आर्थिक वृद्धि दर में सुधार
- 2023-24 में बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वर्तमान मूल्य पर ₹8,54,429 करोड़ और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर ₹4,64,540 करोड़ अनुमानित है.
- वर्ष 2023-24 में GSDP में 14.5% की वृद्धि (वर्तमान मूल्य पर) और 9.2% की वृद्धि (स्थिर मूल्य पर) दर्ज की गई.
- प्रतिव्यक्ति आय वर्ष 2023-24 में स्थिर मूल्य पर ₹36,333 और वर्तमान मूल्य पर ₹66,828 हो गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है.
2. राजकोषीय घाटे में गिरावट, खर्चों में वृद्धि
- राज्य का कुल व्यय 2023-24 में ₹2.52 लाख करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹2.79 लाख करोड़ होने का अनुमान है.
- विकास मूलक व्यय ₹1.69 लाख करोड़ से बढ़कर ₹1.77 लाख करोड़ हो जाएगा.
- बिहार सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम किया है, जो 2022-23 में ₹44,823 करोड़ था और 2023-24 में घटकर ₹35,660 करोड़ रह गया. 2024-25 में यह ₹29,095 करोड़ होने का अनुमान है.
- राजस्व बचत 2023-24 में ₹2,833 करोड़ रही और 2024-25 में ₹1,121 करोड़ रहने की उम्मीद है.
3. कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में सुधार
- चावल का उत्पादन 21% और गेहूं का उत्पादन 10.7% बढ़ा.
- सितंबर 2024 तक, बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (SIPB) को ₹75,293.76 करोड़ के निवेश के 3,752 प्रस्ताव प्राप्त हुए.
4. सड़क और बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार
- ग्रामीण संपर्क सड़कों की लंबाई 835 किमी से बढ़कर 1.17 लाख किमी हो गई है.
- नए द्रुतमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से राज्य में यातायात व्यवस्था का विस्तार हो रहा है.
5. डिजिटल प्रशासन और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
- सरकार ने ई-प्रशासन को बढ़ावा देते हुए सीसीटीएनएस, सीएफएमएस, साइबर सेल, ई-चालान जैसी तकनीकों को अपनाया.
- ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत 134 किलोवाट-घंटे (2012-13) से बढ़कर 363 किलोवाट-घंटे (2023-24) हो गई.
- तकनीकी और व्यावसायिक (AT&C) हानि 45% से घटकर 21.7% हो गई है.
6. महिला सशक्तिकरण और वित्तीय क्षेत्र में प्रगति
- 1,063.5 हजार स्वयं सहायता समूह (SHG) गठित किए गए.
- 2,198.4 हजार SHG को ₹46.9 हजार करोड़ का संचित ऋण प्रदान कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया.
- 2024-25 तक कुल जमा राशि ₹5.27 लाख करोड़ थी, जिसमें से ₹2.97 लाख करोड़ ऋण के रूप में वितरित किया गया और ऋण-जमा अनुपात 56.3% रहा.
7. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश
- गत 18 वर्षों में शिक्षा पर खर्च 10 गुना, स्वास्थ्य पर 13 गुना और सामाजिक सेवाओं पर 13 गुना बढ़ा.
- बाल कल्याण बजट वर्ष 2013-14 से शुरू किया गया और 2016-23 के बीच इसमें 19.4% वार्षिक वृद्धि हुई.
8. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर विशेष ध्यान
- हरित बजट और जल-जीवन-हरियाली मिशन जैसी योजनाओं को लागू कर राज्य में जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोशिशें की गई हैं.
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