Bihar Budget 2025: बिहार बजट पर चुनावी साल की 'छाया', महिलाओं और किसानों पर विशेष फोकस
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Bihar Budget 2025: बिहार बजट पर चुनावी साल की 'छाया', महिलाओं और किसानों पर विशेष फोकस

Bihar Budget 2025: बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश हुए बजट में चुनावी साल की छाया देखने को मिली है. सरकार ने महिलाओं और किसानों पर विशेष ध्यान दिया है.

बिहार का बजट
बिहार का बजट

पटना: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. नीतीश सरकार की ओर से विधानसभा में सोमवार को उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया. चुनावी वर्ष होने के कारण बजट भाषण में प्रदेश के लिए कई घोषणाएं की गईं. महिलाओं और किसानों को लेकर भी कई घोषणाएं की गई हैं. बजट में जहां गरीब परिवारों की कन्याओं के लिए राज्य की हर पंचायत में कन्या विवाह मंडप का निर्माण किया जाएगा. साथ ही, महिला हाट एवं पिंक टॉयलेट स्थापना का प्रावधान किया गया है. राज्य के प्रमुख शहरों में महिलाओं के लिए पिंक बस का परिचालन किया जाएगा, जिसमें सवारी, चालक एवं कंडक्टर सभी महिलाएं होंगी. चालक एवं कंडक्टर के रूप में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा तथा बिहार राज्य पथ परिवहन निगम से चालक, कंडक्टर एवं डिपो मेंटेनेंस स्टाफ के पदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाएगी.

महिला स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए महिला चालकों को ई-रिक्शा एवं दो पहिया वाहनों के व्यावसायिक परिचालन के लिए क्रय करने पर नगद अनुदान का प्रावधान किया जाएगा. महिला सिपाहियों को पदस्थापन थाने के आसपास आवास सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किराए पर आवास लेकर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. पर्व त्योहार विशेषकर महिलाओं द्वारा संचालित छठ पूजा के अवसर पर धार्मिक पर्यटन योजना की शुरुआत की जाएगी. इसमें होम स्टे को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव मदद प्रदान करेगी. प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं को पर्यटन गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा.

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ग 1 से 10 तक के सामान्य श्रेणी के छात्रों (अल्पसंख्यक सहित) की छात्रवृत्ति दर को दोगुना किया जाएगा. निजी क्षेत्र के सहयोग से राज्य में नए निजी मेडिकल कॉलेज संचालित किए जाएंगे. निजी जन भागीदारी के आधार पर नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे.

उन्होंने कहा, "अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के छात्रों को दिए जाने वाले प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति दर को चौगुना किया जाएगा, जिस पर राज्य सरकार का अतिरिक्त लगभग 200 करोड़ रुपए का वार्षिक व्यय अनुमानित है. मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास अनुदान योजना के अंतर्गत छात्रावास अनुदान की वर्तमान दर 1,000 रुपए प्रतिमाह को दोगुना कर 2,000 रुपए प्रतिमाह किया जाएगा. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की आबादी वाले ऐसे 40 प्रखंड, जिसमें 50,000 या उससे अधिक आबादी है तथा पूर्व से आवासीय विद्यालय संचालित नहीं हैं, में एक-एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की स्वीकृति के आलोक में 14 आवासीय विद्यालयों का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में कराया जाएगा."

उन्होंने कहा कि राज्य के बड़े अनुमंडलों में अनुमंडलीय अस्पताल के अतिरिक्त एक अन्य रेफरल अस्पताल का निर्माण किया जाएगा. राज्य सरकार द्वारा लोक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग का सृजन किया जाएगा. संपूर्ण राज्य में शहरी क्षेत्रों के लिए नगर चिकित्सा सुविधा केंद्रों की स्थापना की जाएगी. प्रथम चरण में राज्य के सभी 9 प्रमंडलों के जिला मुख्यालयों में 108 चिकित्सा केंद्रों को स्थापित किया जाएगा. बेगूसराय में कैंसर अस्पताल स्थापित होगा. पूर्णिया हवाई अड्डा का निर्माण किया जा रहा है, जिसे शीघ्र ही चालू किया जाएगा. राजगीर, सुल्तानगंज (भागलपुर) एवं रक्सौल में हवाई अड्डा विकसित करने की कार्रवाई की जाएगी. इसी प्रकार छोटे हवाई अड्डा, भागलपुर, वाल्मीकिनगर, वीरपुर (सुपौल), मधुबनी, मुंगेर और सहरसा के साथ-साथ मुजफ्फरपुर उड़ान योजना के तहत विकसित होगा.

वित्त मंत्री ने कहा, "सरकार ने बड़ी नदियों पर पुलों की संख्या एवं उनकी क्षमता बढ़ाकर राज्य के यातायात की सुविधा में अभूतपूर्व बदलाव लाया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना राज्य के किसी कोने से पांच घंटे में पटना पहुंचने को साकार किया है. हम इस यात्रा समय को वर्ष 2027 के अंत तक चार घंटे में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए राज्य की राजधानी को समस्त जिला मुख्यालयों से फोर लेन सड़क से जोड़ा जाएगा."

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उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन फेडरेशन के तहत कुल तीन संघों के अधीन अब तक कुल 302 प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है. आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य के शेष सभी प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा और संघ से संबद्ध किया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन, नेफेड इत्यादि से समन्वय कर अरहर, मूंग, उड़द इत्यादि का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करते हुए क्रय करेगी.

इनपुट- आईएएनएस

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