बिहार की राजनीति के 'हॉट केक' बने निशांत कुमार, हर कोई 'हाथोंहाथ' लेने को बेताब
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बिहार की राजनीति के 'हॉट केक' बने निशांत कुमार, हर कोई 'हाथोंहाथ' लेने को बेताब

Bihar Politics: तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की तरह निशांत कुमार में सौम्यता ज्यादा दिखती है. निशांत कुमार में वो ठेठपन भी नहीं है, जो उनके समकालीन नेताओं में है. अगर निशांत कुमार जेडीयू में आते हैं तो निश्चित रूप से पार्टी को नई दिशा देने में सक्षम दिखते हैं.

बिहार की राजनीति के 'हॉट केक' बने निशांत कुमार, हर कोई 'हाथोंहाथ' लेने को बेताब
बिहार की राजनीति के 'हॉट केक' बने निशांत कुमार, हर कोई 'हाथोंहाथ' लेने को बेताब

निशांत कुमार... बिहार की राजनीति की नई पौध. वे अचानक सक्रिय हो गए हैं. प्रेस में आए दिन उनके बयान आ रहे हैं. पिता के लिए वोट मांग रहे हैं. 19 साल के सुशासन के बल पर पिता को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं. शादी के नाम पर शरमा जाते हैं और शालीनता उनके हाव-भाव से टपकती है. राजनीति में एंट्री होने वाली है पर किसी से बैर की भावना ना के बराबर है. कटु शब्दों से अभी दूरी बनाए हुए हैं और ऐसा लगता है कि जुबान से फूल झड़ रहे हैं. गजब की मासूमियत के धनी हैं निशांत. लगातार बयान दे रहे हैं पर किसी के लिए गलत शब्दों का प्रयोग नहीं किया है. उनके बातचीत के अंदाज से लगता है कि उनकी ट्रेनिंग चल रही है और उन्हें कोई बढ़िया गुरु मिल गया है. लच्छेदार भाषा तो नहीं बोल पा रहे, लेकिन उसमें भी उनको महारत हासिल हो जाएगी, यह प्रतीत होता है. विपक्षी दल भी उनके खिलाफ कुछ बोलने से कतरा रहे हैं. राजनीति में यह बहुत ही शुभ लक्षण होता है, जब आपके खिलाफ बोलने वाला कोई न हो. ऐसे लोग राजनीति में दूर तक जाते हैं. भारतीय राजनीति में ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है.

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आज के समय में निशांत कुमार बिहार की राजनीति के हॉटकेक बन गए हैं. हर कोई राजनीति में उनके स्वागत करने की बात कर रहा है. लालू परिवार भी उनके खिलाफ कुछ भी बोलने से कतरा रहा है. तेजप्रताप यादव तो उन्हें राष्ट्रीय जनता दल में एंट्री की भी बात कर रहे हैं तो तेजस्वी यादव उनके राजनीति में आने की पैरवी करते हुए भाजपा का डर दिखा रहे हैं. 

तेजस्वी यादव ने कहा, सबसे पहले तो यह साफ होना चाहिए कि चाहे निशांत कुमार हो या कोई और, राजनीति में एंट्री का निर्णय व्यक्ति का अपना होना चाहिए. मेरे माता-पिता (पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) ने मुझे राजनीति में आने के लिए नहीं कहा था. मैंने बिहार का दौरा करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता का मूड भांपते हुए खुद यह निर्णय लिया.

तेजस्वी ने कहा, बेशक अगर वह आगे आते हैं तो पार्टी को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है. इसलिए जदयू में मौजूद संघियों की मदद से बीजेपी में कई लोग उनके प्रवेश को रोकने की साजिश में लगे हुए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने 26 फरवरी, दिन बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार को हल्के में लेते हुए कहा कि इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. 

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केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, राजनीति में आने का सभी को अधिकार है, अगर निशांत कुमार आना चाहते हैं तो कौन मना करेगा. राजनीति में आने से संविधान ने मना नहीं किया है. तेजस्वी यादव ने पार्टी को खानदानी बना दिया है. लालू यादव परिवार से बाहर नहीं निकल सके हैं. वहीं, नीतीश कुमार 20 साल तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन कभी अपने बेटे को राजनीति में नहीं आने दिया.

जदयू के वरिष्ठ नेता और भागलपुर से विधायक गोपाल मंडल ने कहा, नीतीश कुमार के बाद जदयू की बागडोर निशांत कुमार ही संभालेंगे. निशांत कुमार पढ़े-लिखे और काबिल व्यक्ति हैं. जब नीतीश कुमार राजनीति में सक्रिय नहीं रहेंगे, तब पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए निशांत कुमार की जरूरत होगी. गोपाल मंडल ने यह भी कहा, अगर पार्टी की कमान निशांत के हाथ में होगी, तो सभी नेता और कार्यकर्ता उन्हें सम्मान देंगे और उनकी बात मानेंगे.

निशांत कुमार के राजनीति में आने की बात करें तो माना जा रहा है कि होली के बाद इस बात का आधिकारिक तौर पर ऐलान हो सकता है. हालांकि निशांत कुमार अब भी खुद के राजनीति में आने के सवाल पर चुप्पी साध लेते हैं. निशांत कुमार कहते हैं, पिताजी में पांच साल और सरकार चलाने की क्षमता है. वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं. उन्होंने बिहार के लोगों के लिए काम किया है और आगे भी करना चाहते हैं. लोगों से वह फिर से बिहार में एनडीए की सरकार बनाने की अपील कर रहे हैं.

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निशांत कुमार का राजनीति में आना इसलिए भी निश्चित बताया जा रहा है कि पिछले 19 साल में वे कभी भी राजनीतिक बयान देते नजर नहीं आए, लेकिन पिछले 2 महीने में वे 6 से 7 बार मीडिया के सामने आ चुके हैं और अपने पिताजी को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने अपनी मां जयंती पर एक बड़ी भावुक अपील करते हुए अपने पिता के लिए वोट मांगा था.

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