Chhapra Crime: बिहार के छपरा से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. जहां किराए पर घर में रह रही महिला सब-इंस्पेक्टर इस बात से चिढ़ गई कि मकान मालिक ने उससे घर खाली करने को कहा. जिसके बाद आधी रात में पुलिसकर्मी के साथ पहुंची और मकान मालिक के परिवार को पिटवा दिया.
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Chhapra Crime: अगर आप पुलिसवालों को किराए पर घर दे रहे तो सावधान हो जाइए, क्योंकि जरूरत पड़ने पर अगर आप घर खाली करने को कहेंगे तो आपके साथ मारपीट तो होगी ही, आपको झूठे मुकदमे में भी फंसा दिया जाएगा और परिजनों को जेल भी जाना पड़ेगा और ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे. दरअसल, छपरा के मांझी थाने की पुलिस का जो वीडियो सामने आया है. वो हैरान करने वाला है. इस वीडियो में मांझी थाने पुलिस की साफ तौर पर गुंडागर्दी देखी गई. वीडियो में देखा गया कि कैसे पुलिस द्वारा घर में घुसकर परिवार के साथ मारपीट की गई.
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दरअसल, मामला बिहार के सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र का है. जहां पुलिस पर घर में घुसने और मारपीट करने का चौंकाने वाला आरोप लगाया है. घटना थाना बाजार की है, जहां एक परिवार ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाकर पुलिस अधीक्षक (एसपी) की शरण ली है. परिवार का कहना है कि उनके घर पर एक महिला सब-इंस्पेक्टर (एसआई) किराये पर रहती थी. घर में एक शादी होने वाली थी, जिसके लिए परिवार ने एक या डेढ़ महीने पहले ही उसको घर खाली करने के लिए कहा था. आरोप है कि इस बात पर पुलिस वाली भड़क गई, उसने पहले परिजनों पर झूठे आरोप लगाने की धमकी दी, फिर थाने पर सूचना दी, जिसका नतीजा हुआ घर पर पुलिस का हमला, मारपीट, तोड़फोड़ और गिरफ्तारी.
वहीं पीड़ित रूबी कुमारी ने आवेदन दिया है कि उनके घर पर मांझी थाने की एक महिला सब-इंस्पेक्टर रहती हैं. घर में तीन–चार महीने बाद एक शादी होने वाली थी, इसलिए उन्हें घर खाली करना होगा. यह बात रूबी ने उनके साथ साथ अपने देवर के साथ भी बोली थी. तभी पुलिस वाली ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, धमकी दी, फिर थाने पर जानकारी दी. रूबी ने आरोप लगाया है कि मध्यरात्रि लगभग 11 बजे मांझी थाना पुलिस दल बल सहित उनके घर आई, दरवाजा नहीं खोला तो पुलिस ने लातें मारकर घर का दरवाजा तोड़ दिया.
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घर में घुसने पर पुलिस ने रूबी सहित उनके ननद, ससुर, देवर पर बेरहमीपूर्वक लाठियां चलाईं. बाद में उनके ससुर त्रिभुवन प्रसाद, देवर अरुण कुमार व मोनू कुमार को घसीटकर साथ लेकर चली गई, जबकि बाद में त्रिभुवन प्रसाद को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, पर उनके बेटे अरुण कुमार और मोनू कुमार को गिरफ्तार किया गया है. जिन्हें बीते दिन यानी शनिवार की जेल भेज दिया गया. परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ जमकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है. इसके अलावा महिलाओं तक को भी नहीं छोड़ा गया. बताया जा रहा है कि पूरी मामला का एक एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया हुआ है, जिस पर पुलिस अधीक्षक ने संज्ञान लिया है.
वहीं पुलिस का पक्ष एकदम विपरीत है. मांझी थाने की महिला सब-इंस्पेक्टर द्वारा दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि घर के एक व्यक्ति ने उनके साथ गलत हरकतें की, जिसका विरोध किया तो घरवालों ने उनके साथ अभद्र भाषा का उपयोग किया, उनका सामान घर से बाहर फेंक दिया, साथ ही पुलिस पर भी हमला किया. जिसमें 10 से 15 लोगों ने लाठियों और फरसे से पुलिस पर चढ़ाई की. पुलिस ने इस मामले में चार नामजद सहित 8 से 10 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया है.
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जबकि, मांझी थानाध्यक्ष अमित कुमार इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. परिवार ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाकर सारण एसपी से न्याय की गुहार लगाई है. साथ ही घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई बाहर आ सके. वायरल वीडियो इन आरोपों की सच्चाई बयान कर रही है.
इनपुट- राकेश कुमार सिंह
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