IAF Jet Cyber Attack: भूकंप से ग्रसित म्यांमार के लिए राहत सामग्री पहुंचा रहे भारतीय वायुसेना के विमान को साइबर हमले का शिकार होना पड़ा, हालांकि पायलटों की सूझबूझ से किसी भी तरह का हादसा टल गया.
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Cyber Attack On Indian Airforce Flight: म्यांमार में आए भूकंप के पीड़ितों की मदद के लिए भारत की ओर से ऑपरेशन ब्रह्मा शुरु किया गया था. इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना के विमान राहत सामग्री लेकर म्यांमार के लिए पहुंचे थे. इस बीच विमान के साथ एक अजीब घटना देखने को मिली. दरअसल इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइट को मार्ग से भटकाने की कोशिश की गई, हालांकि भारतीय पायलटों ने साइबर अटैक करने वालों के मंसूबे पर पानी फेरते हुए विमान को सुरक्षित जगह पर उतारा.
IAF के विमानों पर साइबर अटैक
बता दें कि म्यांमार के हवाई इलाके में भारतीय वायुसेना के विमानों पर साइबर अटैक हुआ. विमानों के GPS सिग्नल को स्पूफ किया गया. यानी विमान को गलत जानकारी देकर उसे रास्ते से भटकाने की कोशिश की गई. यह पता लगाना थोड़ा मुश्किल है कि आखिर GPS स्पूफिंग के पीछे किसका हाथ है. बता दें कि म्यांमार में चीन का प्रभाव काफी बढ़ रहा है. वहां कई विद्रोही संगठन भी एक्टिव हैं.
स्पूफिंग से आई समस्या
GPS इन दिनों आम समस्या बन गई है. इसके चलते पायलटों को सही रास्ते का पता नहीं चल पाता है और उन्हें गलत निर्देशांक मिलते हैं. यह साइबर अटैक की श्रेणी में आता है. स्पूफिंग में नकली GPS सिग्नल बनाकर लोकेशन की गलत जानकारी दी जाती है, जिससे विमान पर बड़े खतरे का संकट मंडराता है. इसके जरिए विमान गलत दिशा में जाकर भटक सकता है.
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INS से मिली सफलता
'TOI' की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना के पायलटों ने साइबर हमला होने पर तुरंत बैकअप सिस्टम का उपयोग किया. सभी विमानों में नर्शियल नेविगेशन सिस्टम(INS) लगा था. यह विमानों की गति और उसकी दिशा को मापने के लिए जाइरोस्कोप का उपयोग करता है. ये बेहद सटीक होता है. पायलटों ने इसके जरिए ही अपना मिशन पूरा किया. बता दें कि भारत की ओर से पहला C-130J पर हरक्यूलिस विमान राहत सामग्री के साथ 29 मार्च 2025 को यांगून गया था.