कश्मीर में महिलाओं को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने महिला सुरक्षा के लिए महिला पुलिस दस्ता बनाया है, जो श्रीनगर में चौबीसों घंटे गश्त करता है ताकि स्थानीय और बाहरी महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण मिल सके.
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Jammu Kashmir Police: कश्मीर में महिलाओं को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने महिला सुरक्षा के लिए महिला पुलिस दस्ता बनाया है, जो श्रीनगर में चौबीसों घंटे गश्त करता है ताकि स्थानीय और बाहरी महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण मिल सके. पुलिस ने पहली बार संकट में फंसी महिलाओं की मदद के लिए श्रीनगर में खास महिला सुरक्षा दस्ता बनाया गया है. जिसका मकसद लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. ये दस्ता खास तौर पर स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कोचिंग सेंटरों के आसपास रेगलुर गश्त कर रहा है. ये टीम न सिर्फ स्थानीय महिलाओं बल्कि शहर में आने वाली महिला सैलानियों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
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श्रीनगर शहर के विभिन्न हिस्सों में तैनात जम्मू-कश्मीर पुलिस के सभी महिला दस्तों का उद्देश्य महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित महसूस कराना है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किसी भी तरह की समस्या या उत्पीड़न का सामना करने वाली महिलाओं के लिए हेल्प-लाइन नंबर भी सार्वजनिक किए गया हैं.
महिला पुलिस का खास दस्ता
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महिला दस्ते को ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों और डल झील और ट्यूलिप गार्डन जैसे पर्यटन स्थलों के बाहर तैनात किया गया है. संस्थानों के प्रमुखों से कहा गया है कि अगर उनके केंद्रों के बाहर कोई घटना होती है तो वे दस्ते से संपर्क करें. जम्मू-कश्मीर पुलिस को लगा कि शहर की महिलाओं के लिए एक स्पेशल डेडिकेटेड यूनिट की जरूरत है तो इस आइडिये को अमली जामा पहनाने के लिए इस स्क्वाड का गठन हुआ.
महिला सुरक्षा दस्ते की प्रभारी जुगदेश ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर शहर में महिला सुरक्षा दस्ता शुरू किया है. हम पूरे श्रीनगर शहर में गश्त कर रहे हैं और जहां भी किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ की कोई शिकायत या मामला आता है, हम कार्रवाई करते हैं. हमने ऐसी लड़कियों की मदद के लिए हेल्प-लाइन नंबर जारी किए हैं. हमें श्रीनगर के विभिन्न कॉलेजों से बहुत सारी शिकायतें मिलती हैं, खासकर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की. हम हर रोज़ देर रात तक पूरे शहर के केंद्र में गश्त करते रहते हैं.'
इस कदम की शहर के सभी लोगों ख़ास कर महिलाओं, छात्राओं ने सराहना की है. उन्हें लगा कि शैक्षणिक संस्थानों के बाहर एक विशेष महिला दस्ता होना चाहिए. महिलाओं को लगता है कि अगर पुलिस अधिकारी भी महिलाएँ हों तो अपराध की रिपोर्ट करना आसान होता है.
छात्रा जजा ने कहा, 'यह एक बहुत अच्छी पहल है और हमें लगता है कि हमारी समस्याओं का उचित समाधान होगा. महिलाएँ अब आसानी से महिला पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर सकती हैं. महिला अधिकारी हमारी भावनाओं को आसानी से समझ सकेंगी और हमारे लिए शिकायत करना बहुत आसान होगा क्योंकि हम जानते हैं कि एक महिला कभी भी किसी महिला से संपर्क कर सकती है.'
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने महिलाओं के लिए विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कई हेल्प-लाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि अगर उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े तो वे इस पर संपर्क कर सकें. हर वक़्त शहर में महिला सुरक्षा दस्ता गश्त पर तो रहता ही है साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम और महिला पुलिस स्टेशन में भी महिला दस्ते चौबीसों घंटे मदद के लिए तैयार रहती है.