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  • Shwetank Ratnamber

    श्वेतांक रत्नाम्बर

    श्वेतांक रत्नांबर
    भारतीय राजनीति, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों की गहरी समझ. ज्वलंत समसामयिक मुद्दों पर लिखते हैं. ज़ी न्यूज (Zee News Hindi) में कार्यरत. इससे पहले इंटरनेशनल न्यूज़ चैनल WION, सहारा समय न्यूज़ नेटवर्क (SITV) और स्टार न्यूज़ के साथ भी काम किया. रिपोर्टिंग और एंकरिंग का लंबा अनुभव. जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई. 21 वर्षों से अधिक पत्रकारिता जगत का अनुभव, सफर अभी जारी है.

    जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई और पॉलिटिकल साइंस में भी ग्रेजुएशन. 21 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. राजनीतिक खबरों से ख़ास लगाव. फिलहाल ज़ी न्यूज (https://zeenews.india.com/hindi) में कार्यरत.

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पूरे पश्चिम को निगल जाएगा 'ड्रैगन'! चीन बनेगा सुपरपावर? 100 काम छोड़कर पढ़ें ये खबर

CHINA Vs West

पूरे पश्चिम को निगल जाएगा 'ड्रैगन'! चीन बनेगा सुपरपावर? 100 काम छोड़कर पढ़ें ये खबर

China's silent war on West: अमेरिका खुद को सुपरपावर मानने का गुमान सजाए बैठा है. दूसरी ओर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी चीन ने धीरे-धीरे यानी कछुए की रफ्तार से ही सही पश्चिमी जगत में इतनी पैठ बना ली है कि जब चाहे इस भूभाग में बैठे मठाधीशों की सत्ता हिलाते हुए पूरे यूरोप और आधे अमेरिका को एक झटके में घुटनों पर ला सकता है. यह कोई अतिश्योक्ति पूर्ण अनुमान नहीं बल्कि दूरदर्शिता के हवाले से कही जाने वाली बात है. चीन ने इन इलाकों में अपनी ऐसी पैठ बना ली है इसका अंदाजा तभी लगेगा जब चीन अपना गुस्सा दिखाएगा. यूरोप और उत्तरी अमेरिका में चीन कितना पावरफुल हो चुका है, आइए आपको बताते हैं.

Aug 10,2025, 22:38 PM IST

कब, कहां और कैसे बनी थी दुनिया की पहली टॉफी? हर फ्लेवर है यमी, उतना दिलचस्प इतिहास

toffee

कब, कहां और कैसे बनी थी दुनिया की पहली टॉफी? हर फ्लेवर है यमी, उतना दिलचस्प इतिहास

Toffee news: आप हों या आपके बच्चे, पड़ोसी या कोई और बचपन में सबने टॉफी तो जरूर खाई होगी. हो सकता है कि उस समय कोई ऐसी टॉफी रही हो जिसके स्वाद ने आपको दीवाना बना दिया हो कि कैसे जेब या हाथ में चार पैसे/ चार आने आ जाएं तो सीधे टॉफी खरीदने जाएं. पुराने जमाने में तो रिश्तेदार भी जाते समय घर के छोटे बच्चों के हाथ में पांच-दस रुपये रखकर कहते थे लो बेटा या लो बेटी टॉफी खा लेना. यानी एक जमाना ऐसा भी था जब टॉफी के बिना बचपन की कल्पना नहीं हो सकती थी. तभी किसी टॉफी का विज्ञापन होता था - 'जी ललचाए, रहा ना जाए'... बच्चे तो बच्चे और बाप रे बाप बड़े सभी के पॉकेट, जेब या बैग और घर की डाइनिंग टेबल पर आज भी टॉफी दिख जाना आम बात होती थी. खैर समय कभी एक जैसा नहीं रहता. कोरोना काल और डिजिटल यूपीआई पेमेंट के इस युग में टॉफी दिखनी बंद तो नहीं हुई लेकिन कम जरूर हो गई है. टॉफी की इस भूमिका के बीच क्या आप जानते हैं कि टॉफी का अविष्कार किसने किया, दुनिया की पहली टॉफी कहां बनीं, अगर नहीं तो आइए आपको बताते हैं टॉफी का इतिहास.   

Aug 10,2025, 16:17 PM IST

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