Bhopal News: गरीबी रेखा के नीचे भोपाल का ये पूरा गांव, इनकम टैक्स भरने वालों का भी BPL कार्ड, जांच में बड़ा खुलासा
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Bhopal News: गरीबी रेखा के नीचे भोपाल का ये पूरा गांव, इनकम टैक्स भरने वालों का भी BPL कार्ड, जांच में बड़ा खुलासा

BPL Ration Card Fraud in Bhopal: भोपाल के बैरसिया तहसील के एक गांव से राशन कार्ड को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जहां गांव में उन लोगों को भी बीपीएल राशन कार्ड का लाभ मिल रहा है, जो लोग इनकम टैक्स भरते हैं. 

gemini (सांकेतिक तस्वीर)
gemini (सांकेतिक तस्वीर)

Bhopal Ration Card Scam:  यूं ही नहीं कहतें कि एणपी अजब है सबसे गजब है. बल्कि यहां आए दिन अजब-गजब कारमानें होते रहते हैं. यह कारनामें ना सिर्फ आम आदमी बल्कि यहां के पुलिस-प्रशासन भी करते रहते हैं. ताजा मामला भोपाल जिले के नलखेड़ा गांव से सामने आया है, जहां एक ही गांव के 240 परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे का प्रमाण मिला है. इन्हें सरकारी की ओर से बीपीएल राशन कार्ड भी मिला है. जिस पर हर महीने राशन भी दिया जा रहा है.

जांच के बाद हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैरसिया तहसील के नलखेड़ा में जब पूरा का पूरा गांव ही बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) मिलें तो खाद्य एवं सार्वजनिक आपूर्ति मंत्रालय के अधिकारियों को शंका हुई. इसके बाद इस गांव में जांच बैठाई गई. जांच में पता चला कि 71 परिवार ऐसे हैं, जो गांव में रहते ही नहीं हैं. वहीं, 63 ऐसे परिवार हैं, जिनके पास एक हेक्टेयर से अधिक जमीन है. वही, इसमें कुछ ऐसे भी परिवार शामिल हैं, जो आयकर दाता भी हैं. राशन कार्ड फर्जीवाड़ा को लेकर हुए इस खुलासे के बाद अधिकारी भी हैरान हैं.

जांच में जुटे अधिकारी
गौरतलब है कि भारत सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत बीपीएल परिवार देश में कहीं से भी राशन उठा सकता है. लेकिन भोपाल से 42 किलोमीटर दूर स्थिल नलखेड़ा गांव के वो बीपीएल लाभार्थी जो गांव में रहते भी नहीं, उनके नाम पर नियमित राशन वितरित होता रहता है. जिला आपूर्ति नियंत्रक चंद्रभान सिंह जादौन के मुताबिक, खाद्य विभाग इस मामले की जांच में जुटा हुआ है कि जो परिवार गांव में नहीं रहता है, वह कहां कहां से राशन उठा रहा है.

जानिए क्या बोले कलेक्टर
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के मुताबिक, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक आपूर्ति मंत्रालय के निर्देश पर खाद्य निरीक्षक, पटवारी, पंचायत सचिव और ग्राम सेवक की जांच टीम गठित की गई. टीम ने जांच के दौरान पाया कि 63 परिवार के पास एक हेक्टेयर या उससे अधिक जमीन है. नलखेड़ा गांव में सिर्फ 6 परिवार ही ऐसे हैं, जिनके पास छह परिवार भूमिहीन मिले. वहीं, 71 परिवार गांव में रहते ही नहीं हैं. इसके अलावा बाकी परिवारों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है. जांच पूरी हो जाने के बाद रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी. इस फर्जीवाड़े में जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उस पर कानूनी कार्वाई की जाएगी. वहीं, अपात्र लोगों का बीपीएल कार्ड रद्द किया जा रहा है. 

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