Narayanapur Adhar News: छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में आधार कार्ड बनवाने, अपडेट करवाने या फिर अन्य सरकारी कामों के लिए आज भी लोगों को दो दिनों का लंबा सफर तय करना पड़ता है. इन दिनों तो जब नदी नाले उफान पर आ जाते हैं, तो सरकारी कामों के लिए ग्रामीणों को जोखिम उठाना पड़ता है.
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Chhattisgarh Adhar Card: छत्तीसगढ़ में आज भी सरकारी सुविधाओं को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई तरह की खामियां पाई जाती हैं. जहां पर एक तरफ पूरे देश में लोग घर बैठे सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों की स्थिति आज भी खराब है. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के दुर्गम अबूझमाड़ क्षेत्र से आया है, जहां पर आज भी लोगों को आधार कार्ड, जैसे कामों के लिए 65 किमी दूर पैदल सफर तय करने के लिए मजबूर हैं. खासकर बारिश के दौरान तो बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्यों कि नदी नाले उफान पर आ जाते हैं, तो ग्रामीण इलाकों का मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है.
तीन दिन घर वापस आते
वहीं जब ग्रामीणों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि दो दिन पहले अपने सफर की शुरूआत करते हैं. भारी बारिश, कीचड़ और फिसलन भरे रास्ते से गुजरते हुए परिवार के साथ वहीं पर आराम करते हैं. लगभग 2 दिन बाद मुख्यालय पहुंच पाते हैं. इतना ही नहीं, आधार केंद्र पर घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ता है. बच्चों के आधार कार्ड के लिए आवेदन करना होता है. पुराने कार्ड को अपडेट करवाने के लिए शाम हो जाती है. जब तक उनका पूरा काम नहीं होता है, तब जिला मुख्यालय में किसी सुरक्षित जगह पर रात गुजारते हैं. तीसरे दिन फिर उसी रास्ते से घर वापस लौटते हैं.
बरसात में भारी परेशानी
वहीं फरसबेड़ा के ग्रामीणों ने रास्ते में ही अपनी परेशानियां बताते हुए कहा कि अगर वे आधार अपडेट नहीं करवाएंगे, तो उन्हें राशन मिलना मुश्किल हो जाएगा. बच्चों के लिए भी हर सरकारी योजना में अब आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि गांव में सरकारी कामों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है, न ही आने-जाने की कोई व्यवस्था है, जिस कारण उन्हें इतना लंबा सफर तय करना पड़ता है. एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि कुछ समय पूर्व उनके गांव में बस सेवा शुरू हुई थी, लेकिन बरसात के साथ ही वह बंद हो गई.
गांव में कोई सेवा नहीं है
आपको बता दें कि अबूझमाड़ का क्षेत्र जंगलों में बसा हुआ आदिवासी क्षेत्र है. यह छत्तीसगढ़ के सबसे दुर्गम इलाकों में से एक है, जहां पहाड़, जंगल और आदिवासी जीवन के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता है. यहां केवल अबूझमाड़िया जनजाति निवास करती है. यह जनजाति पारंपरिक रूप से जंगल पर निर्भर रही है, लेकिन अब वे लोग भी सरकारी योजनाओं से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं. मगर सरकारी योजनाओं से जुड़ने के लिए डिजिटल दस्तावेजों की आवश्यकता होती है. उनके गांवों में न तो आधार केंद्र है, न ही इंटरनेट की सुविधा और न ही बैंकिंग सेवाएं. ऐसे में उन्हें हर सरकारी काम के लिए नारायणपुर जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ता है. (रिपोर्टः नवीन कुमार/ नारायणपुर)
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