Chhattisgarh Charan Paduka Yojana: छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है जिनका मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव और सुधार लाना है. इन योजनाओं का मुख्य मकसद दूर-दराज के इलाकों में बसे ग्रामीण और आदिवासियों को एक अच्छी जिंदगी, बुनियादी सुविधाएं देना है. योजना उनके विकास पर केंद्रित है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार एक बार फिर से राज्य में चरण पादुका योजना की शुरुआत करने जा रही है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य जंगलों से तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को वे हर जरूरत का सामान उपलब्ध कराना है जिससे उनकी जिंदगी थोड़ी बेहतर हो सके.
छत्तीसगढ़ सरकार एक बार फिर से राज्य में चरण पादुका योजना की शुरुआत करने जा रही है. करीब 6 साल बाद एक बार फिर से चरण पादुका योजना की शुरुआत से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को योजना का लाभ मिलेगा
बता दें कि 2019 में कांग्रेस सरकार के समय इस योजना को बंद कर दिया गया था जिसके बदले सरकार तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को एक निर्धारित राशि उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करती थी लेकिन सीएम साय ने एक बार फिर से इस योजना का लाभ हर आदिवासी को मिलने की बात कही है.
दरअसल, चरण पादुका योजना एक ऐसी योजना है जिसमें जंगलों में तेंदूपत्ता इकट्ठा करने अक्सर नंगे पांव जाने वाले आदिवासियों को उनकी जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जाता है. यानी कि आदिवासियों को दैनिक उपयोग की सारी जरूरी चीजें योजना के तहत मुहैया कराई जाती हैं.
पहले इस योजना के तहत परिवार के सिर्फ एक पुरुष सदस्य को साल में एक जोड़ी जूते दिए जाते थे लेकिन साल 2008 में इस योजना में महिलाओं को भी शामिल किया गया जहां उन्हें साड़ी, जूते, पानी की बोतल, चप्पल, छाता जैसी सारी जरूरत के सामान दिए जाने लगे.
बता दें कि इस योजना का लाभ उन्हें ही मिलता है जो छत्तीसगढ़ के जंगलों से तेंदूपत्ता इकट्ठा करते हैं. एक परिवार से अधिकतम दो लोगों को ही योजना के जरिए सुविधाएं प्राप्त कराई जाती हैं. योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए और लाभार्थी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी भी होना चाहिए.
बता दें कि साल 2023 में छत्तीसगढ़ चुनाव के वक्त सीएम साय ने राज्य में चरण पादुका योजना की शुरुआत की बात कही थी. उन्होंने कहा है कि मोदी के गारंटी के तहत किए गए वादों को एक-एक कर के पूरा किया जा रहा है. इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि वे जंगलों में तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले लोगों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान दें. 2025 जून के अंत तक इस योजना के शुभारंभ होने का अनुमान है.
आदिवासियों के विकास और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार एक और योजना चलाती है जिसका नाम नियद नेल्लानार योजना है. इस योजना के तहत दूर-दराज इलाकों में बसे आदिवासियों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, सामाजिक सुरक्षा, कृषि और रोजगार में मदद दिलाना है. हाल ही में इस योजना के तहत बीजापुर में राशन कार्ड धारकों को एक साथ 4 महीने का चावल वितरण किया गया है.
(source: ndtv mpcg)
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