MP Congress: मध्य प्रदेश में कांग्रेस में लगातार संगठन बदलाव की चर्चा चल रही है. इस बीच राहुल गांधी एमपी कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के साथ बड़ी बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें जीतू पटवारी भी शामिल होंगे.
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MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की तैयारियां चल रही हैं, बताया जा रहा है कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी कुछ दिनों में जल्द ही नए जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी कर सकते हैं. क्योंकि राहुल गांधी जल्द ही दिल्ली में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के साथ मीटिंग करने वाले हैं, एमपी में लगातार चुनावी हार झेल रही कांग्रेस अब जिला लेवल से संगठन को मजबूत करने की तैयारी में है. इसलिए 3 अप्रैल को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ मध्य प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों की मीटिंग होने वाली है, जिसमें कुछ अहम फैसले हो सकते हैं. इस बैठक में जिलाध्यक्षों के अलावा पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और कांग्रेस के सीनियर नेता भी शामिल होंगे.
एमपी में जिलाध्यक्षों को पावर देगी कांग्रेस
दरअसल, कांग्रेस का मानना है कि पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए उसे जिला लेवल से मजबूत करना होगा. इसलिए संगठन में इस बात की चर्चा तेज है कि जिला अध्यक्षों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार दिए जाएं, क्योंकि उनका फीडबेक ही पार्टी के सबसे ज्यादा काम आ सकता है. एआईसीसी ने जिला संगठनों को मजबूत बनाने पर जोर देने की बात कही है. बताया जा रहा है कि आने वाले चुनावों में जिलाध्यक्षों के पास पार्षद से लेकर सांसद तक के टिकट बांटने में अहम भूमिका रहेगी. क्योंकि जिले की सबसे सटीक जानकारी जिलाध्यक्ष के पास ही हो सकती है, ऐसे में किसे टिकट दिया जाना चाहिए और किसे नहीं यह भोपाल या दिल्ली से तय न होकर संबंधित जिले से ही तय किया जाएगा. चुनाव समिति की बैठक में जिलाध्यक्षों की राय को महत्व दिया जाएगा. माना जा रहा है कि इस बैठक में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा होगी.
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एमपी में कांग्रेस बदलेगी जिलाध्यक्ष
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने जीतू पटवारी को नए जिलाध्यक्षों के चयन के लिए भी हरी झंडी दे दी है. जिसके बाद जीतू पटवारी जल्द ही नए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां कर सकते हैं. जो जिलाध्यक्ष पिछले तीन सालों से जमे हैं, उनकी छुट्टी होना तय मानी जा रही है. इसके अलावा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर कुछ गाइडलाइन भी बनाई गई हैं, जिसमें जिला अध्यक्ष की उम्र 50 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, इसके अलावा उसे पार्टी में काम करने का 10 से 15 साल का अनुभव होना चाहिए. जिलाध्यक्ष तकनीक का जानकार हो और सोशल मीडिया पर लगातार उसकी सक्रियता होनी चाहिए. क्योंकि कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच समन्वय बनाने में सोशल मीडिया की भी अहम भूमिका रहती है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक इस बार अहमदाबाद में होने जा रही है, जिसमें जिलाध्यक्षों को पावर देने वाले प्रस्ताव को पास किया जा सकता है, इसके बाद इसे सभी प्रदेशों की कांग्रेस कमेटी में लागू किया जाएगा. कांग्रेस ने 27 मार्च से देशभर में 250 जिला अध्यक्षों के बैच में बैठकों का आयोजन किया है, जिसमें एमपी की बैठक 3 अप्रैल को होनी है.
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