Madhya Pradesh: सीहोर जिले के इछावर क्षेत्र में लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद लोग सबक लेने को तैयार नहीं हैं. कल ही भेरू कुंड में डूबने से दो छात्रों की मौत हुई थी, लेकिन इसके ठीक अगले दिन भाटिया देव से फिर लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. देखिए
Trending Photos
Bhatiya Dev Waterfall Ichhawar: सीहोर जिले में इछावर के पास भाटिया देव है. यहां विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में बारिश के समय सुंदर और काफी बड़ा झरना बहता है. भाटिया देव में 25 फीट ऊंचाई से झरना गिरता है, जो आकर्षण का केंद्र रहता है. खासतौर पर बारिश के मौसम में उसे देखने के लिए काफी पर्यटक वहां जाते हैं. कई बार तेज बारिश के बाद वहां स्थिति गंभीर भी हो जाती है. उसके बाद भी पर्यटक कई बार जान दांव पर लगाकर भी ऐसी जगहों पर पहुंचते हैं. एक दिन पहले ही
न तो कोई सुरक्षा व्यवस्था है और न ही कोई चेतावनी
सीहोर जिले में तेज बारिश के बाद कई तरह की घटनाओं की खबरें आ रही है. बावजूद इसके लोग जान की परवाह किए बिना पर्यटन स्थलों पर जाते हैं. एक दिन पहले ही भेरू कुंड में डूबकर दो बच्चों की मौत हुई थी. लोग उसके बाद अलगे ही दिन फिर बड़ी संख्या में भाटिया देव पर पहुंच गए और लापरवाही दिखाने लगे. बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंचे और गहरे पानी में उतरकर नहाते दिखाई दिए. हैरानी की बात यह है कि जिस स्थान पर हादसे की पूरी आशंका बनी रहती है, वहां न तो कोई सुरक्षा व्यवस्था है और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगा है और ना ही लोग खुद की जान की चिंता कर रहे हैं. लोग बेखौफ होकर पानी में कूद रहे हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
25 फीट ऊंचाई से गिरते हैं ये झरने
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भी इस लापरवाह रवैये को बढ़ावा दे रही है. हादसों से सबक लेने की बजाय स्थिति को नजरअंदाज किया जा रहा है. न तो मौके पर कोई सुरक्षाकर्मी तैनात है और न ही आपात स्थिति से निपटने की कोई तैयारी दिखाई दी. अब स्थानीय लोग ये सवाल उठाने लगे हैं कि क्या प्रशासन किसी और जान जाने के बाद ही जागेगा. घटनास्थलों पर तत्काल सुरक्षा इंतजाम किए जाना बेहद जरूरी हो गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. भाटिया देव के झरने 25 फीट ऊंचाई से गिरते हैं. ये प्राकृतिक स्थलों की बेजोड़ सुंदरता का प्रतीक है और शांति-सुकून का अनुभव प्रदान करता है. पर्यटक इन झरनों की सुंदरता को देखने और प्रकृति के करीब समय बिताने के लिए अक्सर यहां आते हैं, लेकिन खतरों के खिलाड़ी बनना भी गलत है.
रिपोर्ट- दिनेश नागर
जी न्यूज, भोपाल