MP News: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का पहला मेडिकल कॉलेज झाबुआ में बनने जा रहा है. जिसके लिए यूनिवर्सिटी ने यहां 100 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली है. साल 2028-29 से यहां मेडिकल की पढ़ाई शुरू की जा सकती है.
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Devi Ahilya University: इंदौर का प्रसिद्ध देवी अहिल्या विश्वविद्यालय झाबुआ को एक बड़ी सौगात देने वाली है. एमपी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए ये खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं. दरअसल, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का पहला मेडिकल कॉलेज झाबुआ में बनने जा रहा है. जिसके लिए यूनिवर्सिटी ने यहां 100 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली है. जिसका मतलब है कि झाबुआ के लोगों को गंभीर बीमारियों का इलाज करवाने दाहोद नहीं जाना पड़ेगा बल्कि झाबुआ में ही अब गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा.
2028-29 से शुरू होगी मेडिकल की पढ़ाई
झाबुआ को मिली मेडिकल कॉलेज की सौगात से यहां के मेडिकल छात्रों में खुशी की लहर है. बताया जा रहा कि आने वाले साल 2028-29 से यहां मेडिकल की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. दावा किया जा रहा कि यहां अगले तीन साल में मेडिकल कॉलेज शुरू कर दिया जाएगा जहां पहले चरण में एमबीबीएस (MBBS) की मान्यता ली जाएगी इसके बाद बीडीएस, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी के कोर्स भी इसी कैंपस में चलाए जाएंगे.
मेडिकल कॉलेज की डिमांड
झाबुआ में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की डिमांड लंबे समय से ही उठ रही थी. यहां के लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दाहोद जाना पड़ता है. मेडिकल कॉलेज खुल जाने से मरीजों के इलाज की दिक्कत भी दूर होगी साथ ही मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने वाले स्टूडेंट के सपने भी साकार होंगे. बता दें कि अगले सत्र से झाबुआ इंजीनियरिंग कॉलेज की बिल्डिंग से मेडिकल पढ़ाई की शुरुआत करने की योजना बनाई जा रही है.
1200 करोड़ की लागत में बनेगा मेडिकल कॉलेज
झाबुआ में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कुल 1200 करोड़ राशी लगने का अनुमान लगाया जा रहा है. जिसके लिए राज्य सरकार की तरफ से भी कुछ राशी कॉलेज के निर्माण के लिए दि जाएगी. बाकी राशि यूनिवर्सिटी के बजट से खर्च की जाएगी. बताया जा रहा कि अगर इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन मिल जाए तो अगले सत्र (2026-27) से ही यहां मेडिकल कॉलेज की शुरूआत हो सकती है.