Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों को 17 साल बाद बरी कर दिया गया है. लेकिन आज तक इस केस में शामिल शाजापुर के दिलीप पाटीदार का पता नहीं चला है. परिजनों का कहना है कि एटीएस पूछताछ के लिए ले गई. जिसके बाद वो अब तक वापस नहीं आएं हैं.
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Shajapur Man Arrest in Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट में शामिल सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. कोर्ट से जीत मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा "भगवा आतंकवाद और हिन्दू आतंकवाद के जन्मदाता कांग्रेस सहित सभी विधर्मियों का मुंह हुआ काला..भगवा ,हिंदुत्व और सनातन की विजय पर समस्त सनातनियों और देशभक्तों का हुआ बोलबाला बहुत-बहुत बधाई." वहीं, इन सबके बीच इस केस में शामिल शाजापुर के दिलीप को लौटने की आस उनके परिजनों को जग गई है.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में शाजापुर जिले के ग्राम दुपाड़ा निवासी दिलीप पाटीदार को 10 नवंबर 2008 को मुंबई एटीएस की टीम पूछताछ के लिए लेकर गई थी. उसके बाद से अब तक दिलीप का काई अता-पता नहीं चला. दिलीप के परिजनों के मुताबिक, 17 नवंबर तक एटीएस की हिरासत में रहे दिलीप से मोबाइल पर बातचीत होती रही, उसके बाद एटीएस का यह कहना है उन्हें यहां से छोड़ दिया. लेकिन दिलीप आज तक घर नहीं पहुंचा.
परिजनों ने कोर्ट में की अपील
जब घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने इसकी लड़ाई न्यायल में लड़ी. परिजनों ने इंदौर हाईकोर्ट में दिलीप की तलाश के लिए अपील भी की लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट में अभी भी क्षतिपूर्ति के लिए मामला विचाराधीन है. पत्नी और बेटे को आज भी इंतजार और भरोसा है दिलीप जरूर घर लौटेंगे. 31 जुलाई को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेक सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. जिसके बाद दिलीप के परिवार को उनेक आने की उम्मीद बढ़ गई है.
जानिए क्या बोली पत्नी
दिलीप पाटीदार की पत्नी पदमा पाटीदार ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है मेरे पति कहां है. सरकार इस मामले में फिर से जांच पड़ताल शुरू करें. मालेगांव ब्लास्ट में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. मेरे पति को मुंबई एटीएस 10 नवंबर 2008 को रामजी कलसंग्रह के इन्दौर स्थित मकान से पूछताछ के लिए लेकर गई थीय रामजी भी इस मामले में आरोपी थे और उनके मकान में हम किरायेदार थे. पति से आठ दस दिनों तक एटीएस ने मोबाइल पर बातचीत करवाई, उसके बाद उनका कोई पता नहीं चला. बेटा हिमांशु तीन वर्ष का था, उसे पिता का चेहरा भी नहीं याद है. उम्मीद है मेरे पति जरुर घर लौटेंगे.
बेटा भी कर रहा इंतजार
दिलीप का बेटा हिमांशु भी अपने पिता के लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. हिमांशु ने कहा फैसला आने के बाद सभी आरोपी बरी हो गए हैं. मेरे पिता का कोई कसूर नहीं था, एटीएस पूछताछ के लिए घर से लेकर गई. लेकिन आज तक कोई पता नहीं है. सरकार इस मामले की जांच करें और बताएं वे कहां हैं.
रिपोर्ट मनोज जैन, जी मीडिया, शाजापुर
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