MP के गांवों को मिलेंगी शहरी सुविधाएं! 23 हजार पंचायतों के लिए बन रहा मास्टर प्लान
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MP के गांवों को मिलेंगी शहरी सुविधाएं! 23 हजार पंचायतों के लिए बन रहा मास्टर प्लान

MP News: एमपी के गांवों को विकास तक पहुंचाने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत अलग अलग पंचायतों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. कुल 23 हजार पंचायतों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ने की योजना है.

 

सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

Master Plan for MP Villages: मध्य प्रदेश के गांवों की तस्वीर जल्द ही बदलने वाली है. आने वाले सालों में एमपी के गांव विकास के मामले में शहरों को टक्कर देंगे. एमपी की हर पंचायत के लिए एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा जिसमें शहरों जैसी तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इस मास्टर प्लान के तहत रोजगार और पर्यटन पर ज़्यादा फोकस रहेगा. फिलहाल दो पंचायतों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जबकि आने वाले समय में कुल 23 हज़ार पंचायतों को कवर करने की योजना है.

क्या है ये मास्टर प्लान
अक्सर शहरों को डेवलप करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाते हैं लेकिन मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास की ये पहल प्रदेश के गांवों को नई दिशा प्रदान करेगी. इस मास्टर प्लान के तहत रोजगार और पर्यटन पर फोकस किया जाएगा जिससे लोग अपने स्तर पर कमाई को रास्ते खोज सकें. फिलहाल पंचायत  बिलकिसगंज, जिला सीहोर और पंचायत मुरवास, जिला विदिशा में इस मास्टर प्लान की नींव रखी जा चुकी है. ऐसे ही बाकी पंचायतों के लिए भी प्लान तैयार किए जाएंगे.

किन बिंदुओं पर केंद्रित होगा प्लान
इस मास्टर प्लान के तहत गांव में सड़क, बिजली, पानी, इंटरनेट और cctv कैमरे जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही साथ साफ-सफाई, और वेस्ट मैनेजमेंट पर भी ध्यान रखा जाएगा. हेल्थ, एजुकेशन, हाउसिंग और एंटरटेंमेंट के  लिए भी पूरी व्यवस्थाएं रखी जाएंगी. शहरों की तरह गांव की जमीन के हिसाब से सेक्टर भी मार्क किया जाएगा.  

किस स्तर तक पहुंची मास्टर प्लान की गाड़ी
फिलहाल बिलकिसगंज और मुरवास, दोनों पंचायतों में सीसीटीवी लगाए जाने, लेक फ्रंट, नया बाजार, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, ग्रे वॉटर और ड्रेनेज सिस्टम, प्लास्टिक कलेक्शन सेंटर, नट उत्पादन, खेती, गौशाला निर्माण करने की योजना बनाई जा रही है. ये मेगा प्लान दो चरणों में काम करेगा. पहला चरण साल 2026 से 2030 और दूसरा चरण साल 2030 से 2035 तक चलेगा.  भोपाल के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर द्वारा दोनों पंचायतों का प्लान तैयार किया गया है.

सोर्स:  दैनिक भास्कर

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