छत्तीसगढ़ को स्टील हब बनाने की कोशिश, CM विष्णुदेव साय का ऐलान विशेष अनुदान मिलेगा
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छत्तीसगढ़ को स्टील हब बनाने की कोशिश, CM विष्णुदेव साय का ऐलान विशेष अनुदान मिलेगा

Steel Unit Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णुसाय ने छत्तीसगढ़ को स्टील हब बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए छत्तीसगढ़ में विशेष अनुदान भी दिया जाएगा. सीएम साय ने देश भर के स्टिल इंटरप्रेन्योर को आमंत्रण दिया है. 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने देश के विभिन्न स्टील उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में उत्पादन यूनिट स्थापित करने का आमंत्रण दिया है, सोमवार को ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में सहभागिता कर उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में इस उद्योग की भरपूर संभावनाओं और इसके लिए विकसित अधोसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) की जानकारी दी, यह समिट कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा पूर्वी क्षेत्र के सदस्यों के लिए आयोजित की गई थी. समिट में उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में स्टील सेक्टर को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया गया है, यदि कोई उद्यमी ग्रीन स्टील का उत्पादन कर रहा हो, तो उसे विशेष अनुदान देने का प्रावधान भी छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में किया गया है. 

स्टील का उत्पादन बढ़ रहा है 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्टील हब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, उनके नेतृत्व में देश में स्टील उत्पादन 100 मिलियन टन से बढ़कर 200 मिलियन टन हो गया है और वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 300 मिलियन टन तक पहुंचाने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी स्टील की वर्तमान उत्पादन क्षमता 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. छत्तीसगढ़ अपने भरपूर खनिज संसाधनों के कारण समृद्ध है, इनके उचित दोहन से यहां औद्योगिक संभावनाओं में अत्यधिक विस्तार संभव है. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और राज्य सरकार की स्थानीय लोगों को रोजगार देने हेतु अनुदान योजनाओं से इस दिशा में सार्थक कार्य होगा. 

'अंजोर विज़न' तैयार 

मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को बताया कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की परिकल्पना पर आधारित अंजोर विजन डाक्यूमेंट तैयार कर लिया गया है. इस दस्तावेज में चरणबद्ध रूप से विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है. उन्होंने बताया कि इस विजन दस्तावेज में सर्वाधिक फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की कोर इंडस्ट्री – जैसे स्टील एवं पावर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अधोसंरचना सहित सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राज्य में रेलवे अधोसंरचना को सशक्त किया गया है. तेज़ी से रेल नेटवर्क और उससे संबंधित अधोसंरचना का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे स्टील सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 47 हजार करोड़ रुपये की लागत से रेलवे के विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर कार्य हो रहा है. अब रावघाट से जगदलपुर रेलमार्ग पर भी कार्य आरंभ होगा. किरंदुल से तेलंगाना के कोठागुडेम तक नई रेललाइन बिछाई जाएगी, जिसमें 138 किलोमीटर का हिस्सा बस्तर से गुजरेगा. रायगढ़ के खरसिया से राजनांदगांव के परमालकसा तक नया रेल नेटवर्क बनाकर कई प्रमुख औद्योगिक केंद्रों तक कच्चे माल की आपूर्ति एवं तैयार माल की ढुलाई की प्रक्रिया आसान की जाएगी, जिससे उत्पादन लागत में भारी कमी आएगी. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रिया को लागू किया गया है. साथ ही 350 से अधिक नीतिगत सुधार किए गए हैं, जिनका सीधा लाभ स्टील सेक्टर में किए गए निवेशकों को मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि ग्रीन एनर्जी को अपनाने वाले औद्योगिक संस्थानों को विशेष अनुदान दिया जाएगा. राज्य में ग्रीन स्टील उत्पादन हेतु हाइड्रोजन जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ माह पूर्व आयोजित एनर्जी समिट में छत्तीसगढ़ में लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 57 हज़ार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जलविद्युत परियोजनाओं से जुड़े हैं. प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) उत्पादन की दिशा में भी छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति कर रहा है. 

250 से अधिक औद्योगिक संस्थान हुए शामिल

कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित इस ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में पूर्वी भारत के पांच राज्यों में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़  के 250 से अधिक स्टील और पावर सेक्टर से जुड़े औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए. उन्होंने छत्तीसगढ़ में उद्योगों की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया. 

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