MP News-उज्जैन के एक गांव में खाप पंचायत की जैसी सामाजिक बैठक में मंदिर के पुजारी और उसके पूरे परिवार को बहिष्कार करने का फैसला सुनाया गया है. पुजारी के बच्चों की पढ़ाई से लेकर गांव में होने वाली हर छोटी बड़ी चीज पर रोक लगा दी है. साथ ही बैठक में सुनाए गए फैसले का उल्लंघन करने पर 51 हजार का जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी गई है.
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Ujjain News-मध्यप्रदेश के उज्जैन के झलारिया पीर गांव में हरियाणआ की खाप पंचायत जैसी एक सामाजिक बैठक में मंदरि के पुजारी और परिवार को बहिष्कार करने का फरमान सुनाया गया है. इस फरमान में बच्चों की पढ़ाई से लेकर पूजा-पाठ, कटिंग और मजदूरी तक पर भी रोक लगा दी गई है. साथ ही फरमान का उल्लंघन करने वालों पर 51 हजार रुपए जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी गई है.
यह तालिबानी फरमान गांव के ही मंदिर परिसर में माइक पर पढ़कर सुनाया गया है. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी समने आया है. अब परेशान होकर पुजारी ने कलेक्टर से इस मामले की शिकायत की है
जानिए क्या है मामला
उज्जैन के झलारिया पीर गांव में स्थित देव धर्मराज मंदिर की देखरेख पूनमचंद चौधरी का परिवार कई सालों से करता आ रहा है. इसी मंदिर से लगी करीब 4 बीघा जमीन है, जिसपर पुजारी खेती कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. परिवार का कहना है कि कुछ ग्रामीण मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं.
परिवार को निशाना बनाया
परिवार ने बतााय कि मंदिर के जीर्णोद्वार के नाम पर चंदा इकट्ठा किया गया, लेकिन चंदे की राशि से मंदिर को वहां से हटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित करने की कोशिश की जा रही है. जिसका पुजारी परिवार विरोध कर रहा है. इसके बाद ही उन्हें और परिवार को निशाना बनाकर गांव के प्रभावशाली लोगों ने 14 जुलाई को पंचायत बुलाई और बहिष्कार का फरमान सुनाया.
बच्चों को स्कूल से निकाला
पुजारी के बेटे मुकेश चौधरी ने बताया कि फरमान सुनाने के अगल दिन ही स्कूल से तीनों बच्चों को निकाल दिया गया. स्कूल के प्रिंसिपल ने स्पष्ट रूप से कहा कि आपके परिवार का विवाद चल रहा है, इसलिए हम आपके बच्चों को नहीं पढ़ा सकते. स्कूल से निकाले गए बच्चे 13, 10, 6 साल के हैं.
वीडियो में फरमान सुनाते दिखे पूर्व पंचायत मंत्री
वीडियो में माइक पर पूर्व पंचायत मंत्री गोकुल सिंह देवड़ा फरमान सुनाते दिखे. देवड़ा ने कहा कि यह मंदिर सार्वजनिक है और गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर इसके जीर्णोद्वार के लिए 6 साल जुटाए हैं. पुजारी को कई बार समझाने की कोशिश की गई, लेकिन वे नहीं माने और कोर्ट चले गए. इसके बाद उन्हें पंचायत में 14 जुलाई को बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए. इसके बाद ही सर्व समाज की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
कलेक्टर से की शिकायत
पीड़िता पुजारी पूनमचंद चौधरी ने उज्जैन कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि उनका परिवार सामाजिक बहिष्कार का शिकार हो रहा है. परिवार को किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जा रहा है, बच्चेों की पढ़ाई भी बंद कर दी है. मजदूर काम करने नहीं आ रहे हैं. इस मामले में कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं.
अब जानिए क्या फरमान
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