Pakistani Hindu teen couple Death in desert: थार के रेगिस्तान में टूटा सपनों का कारवां, बेहतर जिंदगी की तलाश में जान गंवा बैठा पाकिस्तानी हिंदू कपल. भारत में बेहतर जिंदगी की तलाश के लिए पाकिस्तान से भागे हिंदू कपल की यह कहानी आपको दिल से तोड़ देगी. जानें पूरी दास्तां.
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Pakistani Hindu couple Death desert story: थार रेगिस्तान की तपती रेत में दो नन्हे दिलों की धड़कनें हमेशा के लिए थम गईं. 17 साल के रवि कुमार और 15 साल की शांति बाई, जिन्होंने प्यार और सपनों के भरोसे भारत-पाकिस्तान की सीमा पार की लेकिन उनकी जिंदगी प्यास और गर्मी की भेंट चढ़ गई. ये कहानी सिर्फ दो लोगों की नहीं, बल्कि उन तमाम सपनों की है जो सीमाओं के पार एक बेहतर जिंदगी की उम्मीद में पलते हैं, और कभी-कभी रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.
चार महीने पहले हुई थी शादी
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, रवि और शांति की प्रेम कहानी चार महीने पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर मथेलो में शुरू हुई थी. शादी के बंधन में बंधे इस जोड़े ने भारत में एक सुरक्षित और खुशहाल जिंदगी का सपना देखा था. दोनों ने भारत आने के लिए वीजा के लिए आवेदन किया, लेकिन भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों ने उनके सपनों को तोड़ दिया. वीजा खारिज होने से निराश मगर हिम्मत न हारने वाले इस कपल ने एक जोखिम भरा फैसला लिया. उन्होंने एक पानी का जेरीकैन थामा और परिवार की चेतावनियों और बातों को अनसुना कर सीमा पार करने की ठान ली. परिवार के लोगों ने खूब समझाया. लेकिन प्रेम में पड़े यह कपल किसी की बात नहीं माना.
बेटे को पिता ने बहुत समझाया, लेकिन बात नहीं माना
रिपोर्ट में पता चला कि रवि के पिता ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की. एक हफ्ते पहले बाप-बेटे में तीखी बहस भी हुई थी, लेकिन प्यार और सपनों की ताकत के आगे सब बेइमानी सा था. 21 जून को रवि ने शांति के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर घर छोड़ दिया.
पानी खत्म, तपती गर्मी ने उनकी सांसें छीन लीं
उनके दिल में बस एक ही ख्वाहिश थी भारत की धरती पर एक नई जिंदगी शुरू करना. लेकिन थार का रेगिस्तान उनकी राह का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया. कठिन रास्तों में वे भटक गए. पानी खत्म हुआ, और तपती गर्मी ने उनकी सांसें छीन लीं. जब उनके शव मिले, पास में खाली जेरीकैन और पाकिस्तानी पहचान पत्र पड़े थे.उनके अधूरे सपनों की आखिरी निशानी.
इस कहानी से सभी हैरान
जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि पहचान पत्र मिलने से सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. पुलिस और कई एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं. लेकिन इस जांच से परे यह कहानी इंसानियत को झकझोरती है.
रवि पाकिस्तान में घोटकी जिले का था
हिंदू पाकिस्तानी विस्थापित यूनियन और बॉर्डर पीपल ऑर्गनाइजेशन के जिला समन्वयक दिलीप सिंह सोढ़ा ने बताया कि रवि और शांति सिंध के घोटकी जिले के घुलाम हुसैन लेगारी गांव के रहने वाले थे. उनके कुछ रिश्तेदार भारत में रहते हैं. सोढ़ा ने बताया कि 21 जून को रवि और शांति ने अपने घर से मोटरसाइकिल पर निकलने से पहले पिता से बहस की थी. उनके पासपोर्ट और वीजा दस्तावेज धार्मिक यात्रा के लिए जमा किए गए थे, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रक्रिया रुक गई. निराश होकर दोनों ने अवैध रूप से सीमा पार करने का जोखिम उठाया. उनकी मोटरसाइकिल और कपड़े सीमा से 20 किमी दूर पाकिस्तानी क्षेत्र में मिले.
शव नहीं भेजा गया तो करेंगे अंतिम संस्कार
सोढ़ा ने रोते हुए कहा “ये बच्चे सिर्फ अपने सपनों के लिए लड़े थे. अगर शव पाकिस्तान नहीं भेजे गए, तो जैसलमेर में उनके रिश्तेदार हिंदू रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार करने को तैयार हैं.”