सुप्रीम कोर्ट में जब राहुल गांधी के 'चीन के जमीन कब्जाने' वाले दावे पर सुनवाई शुरू हुई तो उनकी तरफ से तर्क रखा गया कि विपक्ष के नेता के तौर पर सरकार से सवाल करना उनकी जिम्मेदारी है. क्या विपक्ष के नेता को इसकी भी इजाजत नहीं है? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण बात कही. कोर्ट ने कहा कि आप यह सवाल संसद में उठा सकते थे. पढ़िए संसद में क्या बहस हुई.
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Supreme Court Rahul Gandhi China Land: 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान चीन के भारत की जमीन कब्जाने वाले बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को जमकर फटकार लगाई है. जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए जी मसीह की बेंच ने राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने हमारी 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है? आपके पास इसे साबित करने के लिए कौन सा पुख्ता सबूत है? कोर्ट ने कहा कि एक सच्चा भारतीय ऐसा कभी नहीं कहेगा, जब सीमा पर कोई विवाद हो... तो क्या यह सब कहना जरूरी है? आप संसद में भी तो इसको लेकर सवाल पूछ सकते थे. आगे राहुल की तरफ वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने विपक्ष के नेता वाला तर्क रखा. पढ़िए राहुल की तरफ से क्या-क्या कहा गया.
पहले जानिए, राहुल गांधी ने कहा क्या था?
9 दिसंबर 2022 को राहुल गांधी ने कहा था कि चीन ने भारतीय सीमा के 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है. चीन के सैनिकों ने 20 भारतीय सैनिकों को मार गिराया है और वे अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं. भारतीय मीडिया इस बारे में कोई सवाल नहीं पूछेगी. यह कहते हुए उन्होंने सरकार को घेरा था.
सुप्रीम कोर्ट क्यों गए राहुल?
इसी बयान को लेकर उनके खिलाफ लखनऊ की निचली अदालत में मानहानि की शिकायत दायर हुई है. निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग के साथ राहुल गांधी ने SC का रुख किया.
राहुल की दलील: राहुल गांधी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि वह विपक्ष के नेता हैं. विपक्ष के नेता होने के चलते सवाल पूछना राहुल गांधी की जिम्मेदारी है. यह शिकायत उन्हें परेशान करने के लिए दर्ज की गई है. अगर उन्हें सवाल उठाने की इजाजत नहीं होगी तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी.
सुप्रीम कोर्ट: आपको जो भी बात कहनी है, वो संसद में कहनी चाहिए. सोशल मीडिया पोस्ट में यह सब कहने की क्या जरूरत थी? जब सीमा पर टकराव हो तो दोनों ओर से जान का नुकसान होना स्वाभाविक ही है.
राहुल गांधी: सिंघवी ने दलील दी कि इस मामले में BNSS सेक्शन 223 के तहत कोर्ट को शिकायत पर संज्ञान लेने से पहले राहुल गांधी के पक्ष को भी सुनना चाहिए था लेकिन कोर्ट ने नहीं सुना. इस मामले में शिकायतकर्ता की कोई मानहानि नहीं हुई है इसलिए उनकी ओर से शिकायत दायर करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता. कोर्ट इस पहलू पर राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया.
SC ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर यूपी सरकार और इस मामले में निचली अदालत में शिकायकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव को नोटिस जारी किया है. सीमा सड़क संगठन के पूर्व डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल के बयान पर आपत्ति जताते हुए मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है.
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