Shashi Tharoor news: शशि थरूर ने इस बार खुलकर माना है कि कांग्रेस नेतृत्व से उनके मतभेद चल रहे हैं. प्रचार अभियान में उनकी अनदेखी की गई. हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के साथ कभी-कभी मतभेद हो जाते हैं, लेकिन इन मुद्दों को आंतरिक रूप से सुलझाया जाना चाहिए.
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Shashi Tharoor on Congress leadership: केरल से आने वाले कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की गिनती विद्वान, विनम्र और बेहद पढ़े-लिखे काबिल सांसदों में होती है. लंबे समय से खबरें आ रही थीं कि शशि थरूर अपनी पार्टी आलाकमान से नाराज हैं. शांत स्वभाव के थरूर ने खुलकर कभी ऐसी बातों पर बयानबाजी यानी प्रतिक्रिया नहीं दी. सांसद साहब ने पहली बार बड़े अदब और हमेशा की तरह सलीके के साथ सधे शब्दों में ये बात कबूल की है कि उनके कांग्रेस आलाकमान से मतभेद चल रहे हैं.
कैंपेन के लिए बुलाया नहीं तो मैं गया नहीं...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने केरल के नीलांबुर उपचुनाव के लिए प्रचार नहीं किया क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें कभी ऐसा करने के लिए आमंत्रित नहीं किया. इसके साथ ही, उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ मतभेद की अटकलों को कमतर आंकते हुए कुछ मतभेदों को स्वीकार किया, जो पांच देशों के राजनयिक संपर्क के बाद सामने आए थे, जिसके दौरान उनकी टिप्पणियों से पार्टी के कुछ नेता नाराज हो गए थे.
'मेरा प्रचार करना जरूरी नहीं पार्टी का जीतना जरूरी'
नीलांबुर में प्रचार अभियान से अनुपस्थित रहने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए थरूर ने संवाददाताओं से कहा, मुझे पार्टी ने आमंत्रित नहीं किया था. लेकिन यह ठीक है. गुरुवार को वहां महत्वपूर्ण उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है.
उन्होंने रहस्यमयी मुस्कान के साथ कहा, सबसे पहले, मैं देश के लिए महत्वपूर्ण एक आधिकारिक राजनयिक मिशन पर कई दिनों के लिए देश के बाहर गया था, जब मैं वापस आया तो नेतृत्व की ओर से कोई आग्रह या मिस्ड कॉल नहीं आया कि मुझे आना चाहिए. इसलिए मैंने प्रचार से बचे समय का उपयोग अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए किया, जिसमें दिल्ली में विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति की समिति की बैठक की अध्यक्षता करना भी शामिल रहा.
पार्टी नेतृत्व से संबंधों में दरार नहीं
थरूर ने गुरुवार सुबह कहा अब मैं केरल आ गया हूं. मतदान का दिन है और मैं सभी से अपनी पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह कर रहा हूं. कांग्रेस कैंडिडेट एक अच्छे उम्मीदवार हैं. उन्हें जीतना चाहिए. हालांकि थरूर ने उन सुझावों को खारिज कर दिया कि उनकी अनुपस्थिति पार्टी नेतृत्व या कैडर के साथ दरार का संकेत है. उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस कार्यकर्ता और उनके फैंस सभी कार्यकर्ता अभियान में कड़ी मेहनत कर रहे थे.