Fraud of JS University in Firozabad: फिरोजाबाद के जेएस के यूनिवर्सिटी के कुलपति और मालिक को पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है. आपको बता दें कि विश्वविद्यालय पर 2067 फर्जी मार्कशीट देने का आरोप लगाया गया है. आइए जानते हैं कैसे हुआ मामले का खुलासा....
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Firozabad Hindi News/प्रमेंद्र कुमार: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद में स्थित जेएस यूनिवर्सिटी का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. विश्वविद्यालय पर सैकड़ों फर्जी मार्कशीट और बैक डेट में डिग्रियां जारी करने का आरोप है. इस मामले में राजस्थान पुलिस की एसओजी टीम ने कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति सुकेश यादव, रजिस्ट्रार नंदन मिश्र और एक दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया है.
दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार हुआ कुलपति
राजस्थान एसओजी को सूचना मिली थी कि जेएस यूनिवर्सिटी के कुलपति सुकेश यादव देश छोड़कर भागने की फिराक में हैं. वह दिल्ली एयरपोर्ट से विदेश जाने की तैयारी में थे, लेकिन एसओजी ने घेराबंदी कर उन्हें शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और दलाल को भी गिरफ्तार किया जा चुका था.
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
जेएस यूनिवर्सिटी ने बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (BPED) की बैक डेट में फर्जी डिग्रियां जारी की थीं. इन डिग्रियों के सहारे राजस्थान में 254 युवकों ने सरकारी नौकरी हासिल कर ली.
शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 में कई उम्मीदवारों ने इन फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल किया. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने जब इन डिग्रियों का सत्यापन किया, तो गड़बड़ी पकड़ में आ गई.
जांच में सामने आया कि विश्वविद्यालय ने एक साल में 2067 फर्जी डिग्रियां जारी की, जबकि स्वीकृत सीटें काफी कम थीं. राजस्थान में ही स्वीकृत सीटों से कई गुना ज्यादा छात्र फर्जी डिग्रियों के जरिए पास दिखाए गए.
एसओजी ने ऐसे खोला मामला
राजस्थान एसओजी को जब इस घोटाले की सूचना मिली, तो उन्होंने जांच शुरू की. सबसे पहले दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने रजिस्ट्रार नंदन मिश्र और फिर कुलपति सुकेश यादव का नाम लिया. जब एसओजी को खबर मिली कि कुलपति विदेश भागने की कोशिश कर रहे हैं, तो टीम ने फौरन दिल्ली एयरपोर्ट पर घेराबंदी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
आगे क्या?
पुलिस ने कुलपति, रजिस्ट्रार और दलाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
राजस्थान में फर्जी डिग्री पर नौकरी पाने वाले 254 लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है. एसओजी इस घोटाले में और नामों की जांच कर रही है.
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