INDIA bloc Candidate: उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी है, लेकिन इस बीच कांग्रेस साझा उम्मीदवार उतारकर विपक्षी एकता का संदेश देना चाहती है. साथ ही विपक्षी दल, एनडीए के सहयोगी पार्टियों को असमंजस में डालने की की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं.
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Vice President Election 2025: चुनाव आयोग ने जब से उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में उम्मीदवार के चयन को लेकर चर्चा तेज हो गई है. उपराष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) का पलड़ा भारी है, लेकिन इस बीच कांग्रेस साझा उम्मीदवार उतारकर विपक्षी एकता का संदेश देना चाहती है. इसके साथ ही विपक्षी दल, एनडीए के सहयोगी पार्टियों को असमंजस में डालने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं. हालांकि, विपक्ष के सामने बड़ी चुनौती भी है.
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के सामने ये कड़ी चुनौती
विपक्ष भले ही उपराष्ट्रपति चुनाव में किसी मजबूत वैचारिक चेहरे को उम्मीदवार बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा के सामने टिक पाना मुश्किल होगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उम्मीदवार चुनने पर चर्चा से पहले यह महसूस किया जा रहा है कि लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष की कमजोर संख्या के कारण जीतना एक कठिन काम है. इसलिए, विपक्ष उपराष्ट्रपति के जरिए पिछड़े और अलपसंख्यकों, किसानों और हाशिए पर पड़े वर्गों के अपने वोटर्स को एक स्पष्ट संदेश देना चाहता है.
7 अगस्त को विपक्ष बनाएगा रणनीति, राहुल के घर बैठक
9 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले 7 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के घर पर इंडिया ब्लॉक की बैठक होने वाली है. इस बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव के संभावित उम्मीदवार पर चर्चा के अलावा बिहार विधानसभा चुनाव और राज्य की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुद्दा उठने की संभावना है.
क्या है बिहार-आंध्र प्रदेश का कनेक्शन
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस पार्टी की योजना बिहार या आंध्र प्रदेश के किसी नेता को उम्मीदवार बनाने की है, ताकि एनडीए गठबंधन में बीजेपी के दो बड़े सहयोगियों जेडीयू और टीडीपी के बीच असमंजस की स्थिति पैदा की जा सके. अगर विपक्ष ने बिहार के किसी नेता को उम्मीदवार बनाया तो जेडीयू, एलजेपी और आरएलएम में असमंजस हो सकती है. इसी तरह आंध्र के नेता को उतारने पर टीडीपी और जनसेना के सामने ऐसी ही स्थिति होगी.
वोटिंग के लिए क्या है पक्ष-विपक्ष का गणित?
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की जीत पक्की नजर आ रही है, लेकिन बीजेपी अपने दम पर चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है और उसे अपने सहयोगियों का समर्थन चाहिए. संसद के दोनों सदनों में एनडीए के पास 418 सांसद हैं और यह उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए जरूरी 392 सदस्यों से 26 ज्यादा है. इसके अलावा मनीनीत और निर्दलीय सांसदों का समर्थन भी एनडीए को मिल सकता है. लेकिन, कांग्रेस ने रणनीति के तहत बिहार या आंध्र के किसी नेता को उतारा और बीजेपी के सहयोगियों का समर्थन हासिल कर लिया तो एनडीए के लिए मुश्किल वाली स्थिति हो सकती है.
9 सितंबर को मतदान, उसी दिन जारी हो जाएगा रिजल्ट
चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी थी. चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान आगामी 9 सितंबर को कराया जाएगा और इसी दिन रिजल्ट की घोषणा भी कर दी जाएगी. चुनाव आयोग की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार, 7 अगस्त को चुनाव के लिए आधिकारिक अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी की जाएगी. इसके बाद इच्छुक उम्मीदवार 21 अगस्त तक अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच 22 अगस्त को की जाएगी.