संसद भवन में असली गाय क्यों नहीं ले गए पीएम मोदी? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाया बड़ा सवाल, सेंगोल से क्या जोड़ा कनेक्‍शन
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संसद भवन में असली गाय क्यों नहीं ले गए पीएम मोदी? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाया बड़ा सवाल, सेंगोल से क्या जोड़ा कनेक्‍शन

Shankaracharya Avimukteshwaranand: ज्योतिश पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा स्थित नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान एक गाय को भी अंदर लाया जाना चाहिए था. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक ऐसा सवाल उठाया है, जो अब हर तरफ चर्चा का विषय बन गया है. जानें पूरी बात.

संसद भवन में असली गाय क्यों नहीं ले गए पीएम मोदी? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाया बड़ा सवाल, सेंगोल से क्या जोड़ा कनेक्‍शन

Avimukteshwaranand On PM Modi: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक ऐसा सवाल उठाया है, जो अब हर तरफ चर्चा का विषय बन गया है. उनका कहना है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए सेंगोल लेकर गए, जिस पर गाय की तस्वीर बनी थी, तो असली गाय को साथ क्यों नहीं ले गए? ये बात उन्होंने रविवार को कही और इसे लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं.

सेंगोल और गाय का क्या है कनेक्शन?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि अगर गाय की तस्वीर वाला सेंगोल संसद में ले जाया जा सकता है, तो असली गाय को क्यों नहीं ले जाया गया? उन्होंने कहा, "गाय हमारी संस्कृति में पवित्र मानी जाती है. अगर सेंगोल पर गाय की तस्वीर थी, तो असली गाय को वहां ले जाना चाहिए था. इससे संसद भवन और पीएम को गाय का आशीर्वाद मिलता." उन्होंने ये भी कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वो पूरे देश से गायों को संसद भवन लाने का प्लान बना सकते हैं. आपको बता दें कि जब नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था, तब पीएम मोदी अपने हाथ में सेंगोल लेकर संसद में दाखिल हुए थे. इस सेंगोल पर गाय की आकृति उकेरी गई थी. 

महाराष्ट्र सरकार से क्या है उनकी मांग
शंकराचार्य का मानना है कि गाय का सम्मान हर बड़े मौके पर होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से गाय के सम्मान की मांग की है. शंकराचार्य ने सिर्फ संसद की बात नहीं की. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मांग की कि गाय के सम्मान के लिए जल्द से जल्द एक खास नियम या प्रोटोकॉल बनाया जाए. इस नियम में साफ होना चाहिए कि गाय का सम्मान कैसे करना है और अगर कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उसे क्या सजा मिलेगी. साथ ही, उन्होंने ये भी कहा कि देश के हर विधानसभा क्षेत्र में एक "रामधाम" यानी गौशाला होनी चाहिए, जहां कम से कम 100 गायों को रखा जा सके. इससे गायों की देखभाल होगी और उनका सम्मान बढ़ेगा.

गाय को राष्ट्रमाता बनाने की मांग
शंकराचार्य ने होशंगाबाद के सांसद दर्शन सिंह चौधरी की तारीफ की, जिन्होंने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की बात कही थी. धर्म संसद ने भी इस मांग को सपोर्ट करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है. शंकराचार्य का कहना है कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देना हमारी संस्कृति के लिए बहुत जरूरी है.

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कृष्णा पांडेय

कृष्णा पांडेय, ज़ी न्यूज़ डिजिटल में चीफ सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामलों, क्राइम, और फीचर जैसे कई बीट्स पर काम करते हैं. इनकी खासियत है इन-डेप्थ एक्सप्लेनर और संवे...और पढ़ें

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