Stephen Hawking: जब भी कोई महान वैज्ञानिक धरती के भविष्य को लेकर चिंतित होता है तो क्या हमें उसकी बात पर ध्यान देना चाहिए? स्टीफन हॉकिंग ने मरने से पहले एक मुश्किलों से भरी चेतावनी दी थी, आइए इसके बारे में जानते हैं.
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Stephen Hawking Prediction: स्टीफन हॉकिंग जैसे जब कोई महान वैज्ञानिक भविष्यवाणी करता है तो उसे नजरअंदाज करना जरा मुश्किल होता है. हॉकिंग ने अपनी गहरी सोच से भविष्य में ग्रहों से जुड़ी और खास पहेली की तरफ इशारा किया था. अब सवाल ये आता है कि क्या हम इसके लिए तैयार हैं?
स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणी
हॉकिंग, 20वीं सदी के जाने-माने खगोल भौतिकी(Astrophysics)और वैज्ञानिक थे. साथ ही वह पिछली सदी के महान दिमागों में से एक के मालिक थे. स्टीफन ने ना सिर्फ ब्रह्मांडों के रहस्यों को सुलझाया बल्कि उनके विचार धरती के अनिश्चित भविष्य पर भी केंद्रित थे. 2017 के Tencent WE समिट में उन्होंने एक बहुत ही बड़ी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि मानवता बेहद खतरनाक रास्ते पर है. अगर अपने व्यवहार में बदलाव ना किए गए तो हमारे ग्रह का भविष्य अंधेरे में समा सकता है.
2600 तक रहने लायक नहीं रहेगी पृथ्वी?
महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने एक बहुत ही डरावनी बात कही थी, उनके मुताबिक 2060 तक धरती रहने लायक ही नहीं बचेगी. इसका उन्होंने 2 कारण बताया था जिसमें पहला आबादी का बहुत अधिक हो जाना और दूसरा जलवायु परिवर्तन(Climate Change). हॉकिंग का मानना था कि अगर इसी तरह से जनसंख्या बढ़ती रही तो और हम लगाता ऊर्जा का इस्तेमाल करते रहे तो धरती शुक्र(Venus)जैसी गर्म हो दम घोंटने वाली बन जाएगी.
बर्बादी की राह पर इंसान
स्टीफन की नजर में अगर इंसान इसी तरह से आगे बढ़ता रहा तो उसे बर्बादी के रास्ते तक जाने से कोई नहीं रोक सकता. यह भविष्यवाणी उन खतरों पर आधारित थी जिसे लेकर वैज्ञानिक हमेशा से चेतावनी देते आ रहे हैं. तेजी से बढ़ता तापमान, मौसम में होने वाली भयानक घटनाएं और संसाधनों का डबल स्पीड से कम होना, ये सब बड़े खतरे के संकेत हैं. ये इंसानों के जिंदा रहने की ओर बड़ा सवाल पैदा करते हैं.
बहुत कम समय बाकी
हॉकिंग का कहना था कि, इस बुरे हालात से निपटने के लिए हमारे पास बहुत ही कम समय बाकी है. उन्होंने बताया कि हमारी धरती को पूरी तरह से रहने लायक ना होने में 575 सालों से भी कम समय है. यह सुनने में शायद ज्यादा लगे लेकिन इस पर तुरंत प्रभाव से काम करना जरूरी है.