अपने लोगों से इतनी बर्बरता, आखिर क्या चाहते हैं किम जोंग? तस्करी वाले फोन में दिखी Horror स्टोरी
Advertisement
trendingNow12782158

अपने लोगों से इतनी बर्बरता, आखिर क्या चाहते हैं किम जोंग? तस्करी वाले फोन में दिखी Horror स्टोरी

Kim Jong Un News: पिछले साल उत्तर कोरिया से एक मोबाइल फोन तस्करी कर बाहर लाया गया था. अब उस फोन से जो जानकारी मिली है उसे जानकर पूरी दुनिया हैरान है. जबकि उत्तर कोरिया के फोन में इंटरनेट की  सुविधा नहीं होती है.

अपने लोगों से इतनी बर्बरता, आखिर क्या चाहते हैं किम जोंग? तस्करी वाले फोन में दिखी Horror स्टोरी

North Korea: पिछले साल उत्तर कोरिया से एक मोबाइल फोन तस्करी कर बाहर लाया गया था. अब उस फोन से जो जानकारी मिली है उसे जानकर पूरी दुनिया हैरान है. फोन से खुलासा हुआ है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की सरकार अपने देश में बाहर की जानकारी और खासकर दक्षिण कोरिया की कल्चर के प्रभाव को दबाने के लिए काफी सख्ती कर रही है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में मिला यह फोन से पता चलता है कि किम जोंग उन की सरकार न केवल विदेशी मीडिया जैसे कि दक्षिण कोरियाई टीवी शो को बैन नहीं कर रही है, बल्कि अब लोगों की भाषा पर भी नजर रख रही है.

जबकि उत्तर कोरिया के फोन में इंटरनेट की  सुविधा नहीं होती है, लेकिन फिर भी लोग चोरी-छिपे दक्षिण कोरियाई शो और एंटरटेनमेंट सीरीज देश में देखते हैं. इसका मकसद वहां की आज़ादी और खुशहाल ज़िंदगी को उजागर करना है. हालांकि, इसके जवाब किम जोंग प्रशासन ने अपनी कार्रवाई और सख्त तेज कर दी है.

दक्षिण कोरियाई भाषा पर सेंसर!
इतना ही नहीं, फोन से मिले वीडियो से खुलासा हुआ है कि उत्तर कोरियाई सरकार अब आम दक्षिण कोरियाई बोलचाल के अलफाजों को भी सेंसर कर रही है. मिसाल के तौर पर अगर कोई यूजर्स 'ओप्पा' (दक्षिण कोरिया में लड़कियां अपने बॉयफ्रेंड या बड़े भाई को कहती हैं) लिखता है, तो फोन उसे खुद ही बदलकर 'कामरेड' (साथी) कर देता है और एक चेतावनी भी देता है. 'यह शब्द सिर्फ आपके भाई-बहनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.' जबकि, फोन में 'दक्षिण कोरिया' टाइप करने पर यह शब्द खुद ही 'कठपुतली राज्य' में बदल जाता है, जो कि दक्षिण के लिए शासन का आधिकारिक शब्द है.

हर पांच मिनट में स्क्रीनशॉट
लेकिन, सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि उत्तर कोरिया से तस्करी करके लाया गया फोन हर पांच मिनट में यूजर्स की जानकारी के बिना ही स्क्रीनशॉट ले रहा था. हालांकि, ये स्क्रीनशॉट आम लोगों को नहीं दिखते, लेकिन अफसर  इन्हें देख सकते हैं. इनका इस्तेमाल लोगों की निगरानी के लिए किया जाता है. खास तौर पर यह देखने के लिए कि कौन प्रतिबंधित चीजें देख रहा है. जो लोग सरकार के खिलाफ या बाहर की जानकारी लेने की कोशिश करते हैं, उन्हें सज़ा दी जाती है.  ये खुलासे इस बात की एक दुर्लभ और भयावह झलक पेश करते हैं कि कैसे उत्तर कोरिया का सत्तावादी शासन न केवल अपने नागरिकों को बाहरी दुनिया से अलग करने के लिए, बल्कि उनके सोचने और बोलने के तरीकों पर सख्ती कर रही है.

2011 से सत्ता में किम जोंग उन
किम जोंग उन की सरकार दुनिया की सबसे खुफिया और सख्त सरकारों में से एक मानी जाती है. 2011 में सत्ता संभालने के बाद से उन्होंने पूरे देश पर बहुत सख्ती कर रखा है. सरकार हर बात पर नज़र रखती है. लोग क्या देखते हैं, क्या बोलते हैं, और क्या सोचते हैं? 

क्या है मकसद?
उत्तर कोरिया में सरकार चाहती है कि लोग सिर्फ किम जोंग उन की बातें मानें. वहां की मीडिया और एजुकेशन सिस्टम भी किम जोंग उन के मकसद के लिए ही काम करती है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि लोग किम जोंग उन को महान नेता मानें और बाहर की दुनिया को बुरा समझें, खासकर दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों को.

About the Author
author img
मोहम्मद अमजद शोएब

मोहम्मद अमजद शोएब पूर्णिया से निकलकर दिल्ली में पत्रकारिता कर रहे. जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. अमजद को क्रिकेट से बेइंतहा मोहब्बत है. स्पोर्ट्स उनकी ज़िन्दगी है. इसी अटूट रिश्ते ने उन्हें पत्र...और पढ़ें

TAGS

Trending news

;