ट्रंप ने तो बर्बाद किया चीन में सेना अधिकारी भी हो रहे गायब, शी जिनपिंग की उड़ी रातों की नींद, कांप रहा ड्रैगन का सिंहासन?
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ट्रंप ने तो बर्बाद किया चीन में सेना अधिकारी भी हो रहे गायब, शी जिनपिंग की उड़ी रातों की नींद, कांप रहा ड्रैगन का सिंहासन?

Us tariff war with china: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस अंदाज में पूरी दुनिया में टैरिफ वॉर शुरू किया, उसके बाद सब हैरान हो गए. जिसका सबसे अधिक नुकसान चीन ने झेला. अब चीन से जो खबर सामने आ रही है, उसके बाद सब हैरान हैं. ड्रैगन का सिंहासन क्यों कांप रहा है. जानें पूरी खबर.

ट्रंप ने तो बर्बाद किया चीन में सेना अधिकारी भी हो रहे गायब, शी जिनपिंग की उड़ी रातों की नींद, कांप रहा ड्रैगन का सिंहासन?

Trump Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप की सरकार को 100 दिन पूरे हो गए हैं. मंगलवार को ट्रंप ने दावा किया कि उनकी सरकार के पहले 100 दिन अमेरिकी इतिहास में सबसे कामयाब रहे हैं. मिशिगन की एक रैली में 78 साल के ट्रंप ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अपनी नीतियों के बारे में सभी को बताया. जिसके बाद पूरी दुनिया हैरान है. ट्रंप ने इस दौरान चीन पर भारी टैरिफ लगाने के अपने फैसले का भी बचाव भी किया. उन्होंने कहा, "चीन को ये टैरिफ झेलने ही होंगे. वो हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर कमा रहा था और हमें लूट रहा था. अब ऐसा नहीं होगा." टैरिफ जंग के बीच ट्रंप का यह बयान बहुत असर डालने वाला है. जहां एक तरफ पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है, चीन को और भी चिंता खाए जा रही है. जानें समझते हैं पूरी कहानी.

चीन लूट रहा था
टाइम्स ऑफ इं‌डिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने मंगलवार को एबीसी न्यूज़ से कहा, "आप नहीं जानते कि चीन इसे खाएगा या नहीं. चीन शायद उन टैरिफ को खा जाएगा." "चीन हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर कमा रहा था. वे हमें इस तरह लूट रहे थे, जैसा पहले कभी किसी ने नहीं लूटा. दुनिया का लगभग हर देश हमें लूट रहा था. वे अब ऐसा नहीं कर रहे हैं." 

चीन के अधिकारियों को खौफ
वाशिंगटन में इसे आर्थिक ताकत की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है. यूरोप और एशिया की राजधानियों में नेता अपनी अर्थव्यवस्थाओं को इसके असर से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विश्लेषक, निर्यातक और निवेशक ट्रंप की बढ़ती टैरिफ व्यवस्था के जवाब में चीन के हर कदम पर नज़र रख रहे हैं. लेकिन बीजिंग के बीचों-बीच स्थित भारी सुरक्षा वाले परिसर झोंगनानहाई में जहां चीन के शीर्ष नेता काम करते हैं और रहते हैं, उन्हें टैरिफ से अधिक किसी और की बात की चिंता हो रही है. जो बहुत खतरनाक है.

शी जिनपिंग की असली चिंता
'द इकोनॉमिस्ट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग की नींद ट्रंप के टैरिफ से नहीं, बल्कि कुछ और गंभीर बातों से उड़ रही है. एक पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारी का कहना है कि अमेरिका या दुनिया से रिश्ते शी की चिंता की लिस्ट में सबसे ऊपर नहीं हैं. उनकी सबसे बड़ी फिक्र है अपनी सेना, अपनी पार्टी और शायद अपनी ही फैसले लेने की क्षमता पर भरोसा न रहना.

भरोसेमंद अफसर हटाए जा रहे हैं
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) में पिछले कई सालों से सबसे बड़ा आंतरिक सफाया चल रहा है. कई बड़े जनरल गायब हो चुके हैं. भरोसेमंद अफसर हटाए जा रहे हैं. यहां तक कि शी के वफादार माने जाने वाले लोग भी नहीं बचे. ट्रंप के साथ व्यापार युद्ध के बीच शी घर में भ्रष्टाचार, बेवफाई और कम्युनिस्ट पार्टी की सत्ता के केंद्र में सड़न के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं.

चीन का दिखावटी जोश
चीन का सरकारी मीडिया जोश दिखाने में जुटा है. खबरें शी जिनपिंग को दक्षिण-पूर्व एशिया में क्षेत्रीय एकता और बहुपक्षीयता को बढ़ावा देते दिखा रही हैं. 22 अप्रैल को खबर आई कि जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने शी को स्थिर व्यापारिक रिश्तों के लिए पत्र लिखा, जो दिखाता है कि चीन की कूटनीति अभी काम कर रही है. अर्थव्यवस्था भी फिलहाल टिकी हुई है. पहली तिमाही में चीन की जीडीपी 5.4% बढ़ी, जो सरकार के सालाना लक्ष्य से ज्यादा है. टैरिफ की आशंका में निर्यातकों ने शिपमेंट बढ़ाए, जिससे बंदरगाहों पर रौनक रही. लेकिन इस आश्वासन के पीछे भी तनाव है. मॉर्गन स्टेनली के एक सर्वे के मुताबिक, 44% शहरी चीनी लोगों को नौकरी जाने का डर है- जो महामारी के शुरुआती दौर के बाद सबसे ज्यादा है. यूबीएस का अनुमान है कि अगले साल विकास दर 3.4% तक गिर सकती है.

गायब होते जनरल
बाहर से देखें तो शी जिनपिंग ऐसे नेता हैं, जिनका कोई जवाब नहीं. उनके पास असीमित सत्ता है, कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं, और सेना व पार्टी पर पूरा नियंत्रण है. लेकिन हाल के महीनों में सीनियर सैन्य अफसरों के गायब होने का सिलसिला कुछ और कहानी कहता है. सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के वाइस-चेयरमैन जनरल हे वेईदोंग मार्च से गायब हैं. वे अप्रैल में कई बड़े आयोजनों में नहीं दिखे. अगर उनकी बर्खास्तगी हुई, तो यह सांस्कृतिक क्रांति के बाद सबसे बड़े सैन्य अधिकारी का पतन होगा. उनके साथ रक्षा मंत्री ली शांगफू, वेई फेंघे, और रॉकेट फोर्स के प्रमुख भी हटाए जा चुके हैं.

पार्टी पर खतरा
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में भ्रष्टाचार विरोधी बैठक में शी ने स्वीकार किया कि बाहरी माहौल और पार्टी में बदलावों से कई समस्याएं पैदा हो रही हैं. उनका मानना है कि सेना में भ्रष्टाचार सिर्फ ऑपरेशनल नहीं, बल्कि पार्टी की सत्ता के लिए खतरा है. रिपोर्ट्स हैं कि सैन्य खरीद में बड़े घोटाले हुए हैं. कुछ मिसाइलों में ईंधन की जगह पानी भरा गया, और साइलो निर्माण के लिए दी गई रकम गायब हो गई. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये सफाई अभियान सेना की युद्ध तैयारियों को कमजोर कर रहा है. सैनिकों का मनोबल टूट रहा है, और कमांड चेन पर भरोसा कम हो रहा है.

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कृष्णा पांडेय

कृष्णा पांडेय, ज़ी न्यूज़ डिजिटल में चीफ सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामलों, क्राइम, और फीचर जैसे कई बीट्स पर काम करते हैं. इनकी खासियत है इन-डेप्थ एक्सप्लेनर और संवे...और पढ़ें

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