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भारत का वायु रक्षा कवच होगा 'अभेद्य', 'डबल S-400' से लैस होने वाली है एयरफोर्स!

India Air Defence System: भारत अपनी वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए S-400 सिस्टम खरीद रहा है, स्वदेशी प्रोजेक्ट कुशा को भी विकसित कर रहा है. प्रोजेक्ट कुशा को 'देसी S-400' कहा जा रहा है. S-400 की 400 किमी की रेंज है, ये 36 लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक और नष्ट करने की क्षमता रखता है.जबकि प्रोजेक्ट कुशा को DRDO विकसित कर रहा है.   

एयर डिफेंस सिस्टम

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एयर डिफेंस सिस्टम

भारत अपनी वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. भारत-पाक संघर्ष के बाद ये बात तो तय हो गई है कि एयर डिफेंस सिस्टम के बल पर दुश्मन के कड़े प्रहार रोके जा सकते हैं और उसे हार का मजा चखाया जा सकता है.

एस 400 और प्रोजेक्ट कुशा

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एस 400 और प्रोजेक्ट कुशा

इसके लिए भारतीय वायु सेना (IAF) ने रूस से अतिरिक्त S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने और स्वदेशी प्रोजेक्ट कुशा को तेजी से विकसित करने की योजना बनाई है. प्रोजेक्ट कुशा को भारत का 'देसी S-400' कहा जा रहा है. इसका मतलब है कि भारत के पास डबल S-400 होने वाले हैं.

एस-400 डिफेंस सिस्टम

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एस-400 डिफेंस सिस्टम

S-400 एयर डिफेंस सिस्टम करीब 400 किलोमीटर तक की रेंज में लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है. यह प्रणाली एक साथ 36 लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट करने की ताकत रखती है. इसमें चार अलग-अलग तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल होता है.

प्रोजेक्ट कुशा

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प्रोजेक्ट कुशा

दूसरी ओर, प्रोजेक्ट कुशा भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-DRDO द्वारा शुरू किया हुआ प्रोजेक्ट है. इसका उद्देश्य स्वदेशी लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल (LR-SAM) सिस्टम विकसित करना है. इसे रूस के S-400 और S-500 की प्रणाली के बराबर माना जा रहा है.

प्रोजेक्ट कुशा के मिसाइल

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प्रोजेक्ट कुशा के मिसाइल

प्रोजेक्ट कुशा के तहत तीन प्रकार की मिसाइलें विकसित होनी हैं. इनमें M1 मिसाइल की रेंज 150 किमी, M2 की 250 किमी और M3 की 350 किमी है. ये मिसाइलें स्टील्थ फाइटर जेट, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई खतरों से निपट सकती हैं.

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