गिरगिट को रंग बदलने के गुण के कारण जाना जाता है. अक्सर शिकारियों के बचने के लिए गिरगिट रंग बदल लेते हैं. ये बदलते रंग गिरगिट के जीवन के बारे में बहुत कुछ बताते हैं.
पैंथर गिरगिट गुस्से या खतरे के कारण अपने नीले और हरे कलर को लाल रंग में बदल लेते हैं. साथ ही किसी दूसरे से डर जाने के कारण भी गिरगिट अपने कलर को गहरे रंग में बदलकर सिकुड़ जाता है.
गिरगिट का रंग बदलना लव कनेक्शन को भी दर्शाता है. एक नर गिरगिट मादा को अट्रैक्ट करने के लिए चमकीले रंग दिखाता है. उदाहरण के लिए मेल गिरगिट फिमेल गिरगिट को अट्रैक्ट करने के लिए लाल रंग दिखाता है, वहीं फीमेल गिरगिट सहमति दिखाने के लिए काले और क्रीम रंग के पैटर्न से पीले कलर में बदल जाती है.
अगर नर गिरगिट के नीले, हरे, नारंगी, पीले, लाल और सफेद रंग से प्रभावित करने पर मादा गिरगिट अपनी स्किन को गहरे भूरे या काले रंग में बदलती है, तो यह बताता है कि वह संबंध बनाने के लिए तैयार नहीं है.
गिरगिट की स्किन के कलर बॉडी टेम्परेचर, स्ट्रेस, पोषण और यहां तक की उनकी प्रवत्ति के बारे में भी बताते हैं. जब गिरगिट बीमार होता है तो वह फीका, गहरा या राख जैसा हो जाता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, गिरगिट अपनी भावनाओं, सामाजिक संकेतों और मूड को दिखाते हुए कई तरह के रंग बदलते हैं. माना जाता है कि वे अपनी बॉडी का तापमान नियंत्रित करने और आसपास के वातावरण में खुद को छिपाने के लिए भी रंग बदल लेते हैं. गिरगिट के रंग बदलने का कारण उनकी बॉडी में पाई जाने वाली फोटोनिक क्रिस्टल नाम की एक परत होती है, जो प्रकाश के परावर्तन को प्रभावित करती है. गिरगिट जब अधिक दुखी या परेशान होता है तो उसका रंग काला पड़ जाता है.
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