Opinion on Zelensky Trump Meeting: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात की, जो पूरी दुनिया देख और सुन चुकी है. यूक्रेन का अब रूस ही नहीं, बल्कि अमेरिका से भी द्वंद्व शुरू हो चुका है. दो महाशक्तियों के बीच एक छोटे से देश की ऐसी हिम्मत देखने लायक है.
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Opinion on Zelensky Trump Meeting: मिस्टर प्रेसिडेंट (वोलोदिमीर जेलेंस्की), मैं बचपन में सोचता था कि जंग का जमाना बीत चुका है. दुनिया भर में तमाम देश हैं, सैकड़ों वैश्विक संगठन हैं, ये युद्ध थोड़े होने देंगे. लेकिन बीते कुछ सालों में सारे भ्रम टूट गए. युद्ध भी होता है, खून भी बहता है, लाशें भी गिरती हैं. फिर भी शांति की उम्मीद नहीं छूटती. जब एक अमेरिकी रिपोर्टर ने आपसे पूछा कि आप सूट क्यों नहीं पहनते, तो आपके जवाब ने दुनिया को ठहरने पर मजबूर कर दिया. 'युद्ध खत्म होने के बाद पहनूंगा'- यह सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के दर्द, संघर्ष और उम्मीद का प्रतीक है. सूट न पहनकर भी आप उस नेता के जितने ही आत्मविश्वासी नजर आते हैं, जो नीला सूट और चमकती लाल टाई पहने आपके बगल में बैठा था.
युद्ध शुरू होने के बाद आपको एक जैसे ऑउटफिट में ज्यादा देखा गया.13 डॉलर की जैकेट, 35 डॉलर की पैंट, 6.80 डॉलर की टी-शर्ट और 67 डॉलर के स्नीकर्स. कुल मिलाकर 10 हजार रुपये का एक परिधान. अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी आपके कपड़ों पर तंज कसा. आपके कपड़ों का ब्रांड तक लोगों को नहीं पता है, जबकि वे इटालियन लक्जरी ब्रांड ब्रियोनी के सूट पहनते हैं, जिनकी शुरुआती कीमत 4 लाख है, जो 14 लाख तक पहुंचती है. ये और बात है कि हमारे यहां परसाई को 'प्रेमचंद के फटे जूते' दिखे, तब भी वे उनका सम्मान करने से नहीं चूके.
अमेरिकी मीडिया के सामने हुई बहस न तो विजेता तय कर सकी, न ही हारा हुआ. यह एक कड़वा सच सामने लाई कि यूक्रेन की जंग अब सिर्फ रूस के खिलाफ नहीं, बल्कि अपने पुराने सहयोगियों के बदलते रवैये के खिलाफ भी है. सवाल यह है कि क्या यूक्रेन के लोगों की जान की कीमत समझी जाएगी या ये महज कूटनीतिक नाटक बनकर रह जाएगी? इस बहस का असर सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं है. दुनिया भर के छोटे देश, जो बड़े शक्तिशाली दुश्मनों से घिरे हैं, इसे एक सबक के तौर पर देख रहे हैं. अगर अमेरिका जैसे देश अपने सहयोगियों को बीच मझधार में छोड़ सकते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों पर भरोसा कैसे किया जाए?
आपने हिम्मत करके सबकुछ कह दिया. इस हिम्मत के पीछे आपकी एक तल्खी भी है, अमेरिका से या उनकी ओर से किए गए धोखे से. शुरुआत में अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार, आर्थिक मदद और नैतिक समर्थन का वादा किया. तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को अरबों डॉलर की सहायता दी. लेकिन जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में लौटे, अमेरिका ने यू-टर्न ले लिया. ट्रंप ने न सिर्फ यूक्रेन को युद्ध का जिम्मेदार ठहराया, बल्कि रूस के साथ सीधी बातचीत शुरू कर दी. यह धोखा सिर्फ आपसे नहीं, बल्कि उन लाखों यूक्रेनियों से है जो अमेरिकी मदद की आस में अपनी जान गंवा चुके हैं. खार्किव की एक मां 12 साल के बेटे को रूसी बमबारी में खोने के बाद कहती है- 'हमें लगा था कि अमेरिका हमारा साथ देगा, लेकिन अब हम अकेले छोड़ दिए गए.' बाखमुत में एक बुजुर्ग अपने जले हुए घर के सामने बैठकर रोते हुए कह रहा है- 'हमारी जमीन, हमारे लोग, सब खत्म हो रहे हैं. दुनिया बस तमाशा देख रही है.'
यूक्रेन की धरती आज खून और आंसुओं से भीगी हुई है. दुनिया नहीं भूली है मारियुपोल की उस महिला को, जो अपने नवजात को गोद में लिए बंकर में छिपी थी और अचानक गिरे एक बम ने उसकी सांसें छीन लीं. कीव के वे स्कूल, जहां बच्चे पढ़ाई के बजाय हवाई हमले की सायरन सुनने को मजबूर हैं. बुचा की सड़कों पर बिखरे शव आज भी दुनिया के सामने गवाही दे रहे हैं कि इस युद्ध ने कितना कुछ तबाह कर दिया. फरवरी 2022 से अब तक, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यूक्रेन में 10,000 से ज्यादा आम नागरिक मारे जा चुके. जबकि असली संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है. सैनिकों की मौत का आंकड़ा तो 50,000 से भी ऊपर पहुंच चुका है. हर घर ने किसी न किसी को खोया है.
मिस्टर प्रेसिडेंट, जब आप कहते हैं कि युद्ध खत्म होने के बाद सूट पहनेंगे, तो यह सुनकर हर यूक्रेनी के मन में आस जग उठती है. यह वादा उस दिन की तस्वीर खींचता है जब कीव की गलियों में सायरन की जगह बच्चों की हंसी गूंजेगी, जब यूक्रेन की माएं अपने बच्चे को बंकर में नहीं बल्कि पार्क में झूला झुलाएंगी, जब लोग रूसी सेना से जान बचाते हुए नहीं भागकर अपनों के खोने का गम तसल्ली से मनाएंगे. लेकिन यह दिन अपने आप नहीं आएगा. वो सूट अभी अलमारी में आपका इंतजार कर रहा है, और शांति का इंतजार कर रहे हैं करोड़ों यूक्रेनी.
नोट: लेख में कही हुई बात लेखक के निजी विचार हैं.