यह मामला भारतीय पिता और रूसी मां के बीच वैवाहिक विवाद के चलते बच्चे की कस्टडी से जुड़ा है. जिस पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने पुलिस को बुरी तरह फटकार दिया.
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Supreme Court: अपने 5 साल के बच्चे के साथ फरार हुई रूसी महिला को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने इस केस में घोर लापरवाही बरती है, जिसके चलते महिला बच्चे को लेकर रूस भागने में कामयाब रही. अगर पुलिस ने कोर्ट के आदेश के मुताबिक महिला पर नजर रखी होती तो यह नौबत नहीं आती. कोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो विदेश में मौजूद भारतीय दूतावास से सम्पर्क करें ताकि महिला और उसके बच्चे से सम्पर्क किया जा सके.
यह मामला दरअसल भारतीय पिता और रूसी मां के बीच वैवाहिक विवाद के चलते बच्चे की कस्टडी से जुड़ा है. इस केस में सुनवाई करते हुए 22 मई को कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में 3 दिन बच्चे को मां के पास और 4 दिन पिता के पास रहने का आदेश दिया था लेकिन 7 जुलाई को रूसी महिला बच्चे को लेकर गायब हो गई. बच्चे के पिता ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को बच्चे को जल्द से जल्द ढूंढ पर पिता को सौंपने का आदेश दिया था लेकिन पुलिस की ओर से बताया गया कि महिला रूस पहुंच चुकी है.
दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय की तरफ से दाखिल हलफनामे में जानकारी दी गई कि 7 जुलाई को महिला बच्चे के साथ घर के पिछले दरवाजे से निकली. वो दिल्ली से नरकटियागंज रेलवे स्टेशन तक टैक्सी में गई. वहां से वो 8 जुलाई को नेपाल चली गई. उसने 12 जुलाई को नेपाल से शारजाह के लिए फ्लाइट ली और बाद में आखिरकार रूस पहुंच गई. ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि महिला रूस पहुंच गई है और हम नेपाल, UAE और रूस के भी संपर्क में है.
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते कहा कि हमने 22 मई के आदेश में पुलिस को दोनों पति- पत्नी के घर पर नज़र रखने को कहा था लेकिन पुलिस ने नजर नहीं रखी जिसके चलते महिला बच्चे को लेकर 7 जुलाई को फरार हो गई. बच्चें के पिता ने इसको लेकर पुलिस में शिकायत भी की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
कोर्ट ने कहा कि पुलिस की दी जानकरी से साफ है कि महिला 4 दिन तक नेपाल में रही. अगर पुलिस ने तब भी तत्परता बरती होती तो महिला फ्लाइट में ना चढ़ पाती. सुनवाई के दौरान ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि एयरलाइंस ने निजता की दुहाई देते हु एट्रैवेल डेटा शेयर करने से इंकार कर दिया तो इससे असहमति जताते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अपराध होने की स्थिति में कोई एयरलाइन प्राइवेसी की दलील नहीं दे सकती.