Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून का कहर जारी, अब तक 229 मौतें; 95 बारिश से जुड़ी और 78 सड़क हादसों में
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh2876951

Himachal Monsoon: हिमाचल में मानसून का कहर जारी, अब तक 229 मौतें; 95 बारिश से जुड़ी और 78 सड़क हादसों में

Himachal Monsoon: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार मानसून के मौसम ने हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाई है.

Himachal Monsoon:  हिमाचल में मानसून का कहर जारी, अब तक 229 मौतें; 95 बारिश से जुड़ी और 78 सड़क हादसों में

Himachal Monsoon: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार मानसून के मौसम ने हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाई है और अब तक 229 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 119 लोग बारिश से संबंधित घटनाओं में और 110 सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं. 20 जून से 11 अगस्त तक, राज्य में मानव जीवन, सार्वजनिक और निजी संपत्ति, कृषि, बागवानी, पशुधन और बुनियादी ढाँचे को कुल मिलाकर 2,00,741.57 लाख रुपये (2,007 करोड़ रुपये से अधिक) का नुकसान हुआ है.

पशुओं की हानि में 1,611 मवेशियों की मौत और 25,755 मुर्गी पालन शामिल हैं. एसडीएमए ने बताया कि मानसून ने जिलों में बुनियादी ढाँचे को बुरी तरह प्रभावित किया है; इस बीच, 1,07,181.80 लाख रुपये की लागत वाली लोक निर्माण विभाग की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं. जल शक्ति योजनाओं को नुकसान: 68,299.78 लाख रुपये और 13,946.69 लाख रुपये मूल्य की बिजली आपूर्ति संरचना क्षतिग्रस्त हुई. स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण एवं शहरी विकास, और पशुपालन विभागों को भी लाखों रुपये का अतिरिक्त नुकसान हुआ.

आवासीय क्षति भी काफी हुई है, 916 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए और 27,366 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए, साथ ही 627 गौशालाएँ और 951 श्रमिक शेड/झोपड़ियाँ नष्ट हो गईं. कांगड़ा में बारिश से संबंधित सबसे अधिक 26 मौतें हुईं, इसके बाद मंडी (23), चंबा (9), कुल्लू (10), किन्नौर (8), लाहौल और स्पीति (5), शिमला (6), बिलासपुर (7), ऊना (7), हमीरपुर (13), सिरमौर (2), और सोलन (3) का स्थान रहा.

इस श्रेणी में मंडी 21 मौतों के साथ शीर्ष पर रहा, उसके बाद चंबा (17), शिमला (15), कांगड़ा (9), किन्नौर (8), कुल्लू (8), सोलन (12), हमीरपुर (3), बिलासपुर (3), सिरमौर (7), ऊना (6), और लाहौल एवं स्पीति (1) का स्थान रहा. अधिकारियों का कहना है कि पुनर्निर्माण कार्य जारी है, लेकिन बार-बार भूस्खलन, सड़कें अवरुद्ध होने और लगातार भारी बारिश के कारण प्रगति धीमी हो रही है. एसडीएमए ने संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ते जोखिम की चेतावनी दी है और जनता से सुरक्षा सलाह का पालन करने का आग्रह किया है.

TAGS

Trending news

;