Bahraich News: सैयद सालार मसूद गाजी के सलाना लगने वाले मेले पर रोक लगाने के बाद अब प्रशासन ने सैयद शाह हुसैन उर्फ लक्कड़ शाह की दरगाह पर रोक लगा दी है. प्रशासन के इस फैसले से जायरीन में खासा नाराजगी देखने को मिली है. जायरीन का कहना है कि इस रोक से उनकी अकीदत को ठेस पहुंची है.
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Bahraich News: दरगाह सैयद सालार मसूद गाजी के सालाना जेठ उर्स और आस्ताना में सैयद अफजुद्दीन अबू जफर अमीर माह 2 सुहरावर्दी के सालाना उर्स के बाद अब बहराइच जिले के कतर्नियाघाट के बीहड़ जंगलों के बीच स्थित सैयद शाह हुसैन उर्फ लक्कड़ शाह की दरगाह पर लगने वाले मेले पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है.
सैयद शाह हुसैन की दरगाह पर आज यानी कि 31 मई को सलाना उर्स लगने वाला था, जिसपर वन विभाग ने कोर जोन का हवाल देते हुए रोक लगा दी है. इसके साथ ही कई इलाकों से आस्ताना आने वाले जायरीन को रोका जा रहा है, जिस पर जायरीन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस रोक से उनकी अकीदत को ठेस पहुंची है.
उर्स पर वन विभाग ने लगाई रोक
वन विभाग के बीहड़ में मुख्य मार्ग से करीब 500 मीटर दूर स्थित सैयद हुसैन शाह उर्फ लक्कड़ शाह बाबा की दरगाह पर जेठ महीने में जुलूस निकालने की परंपरा 16 साल पुरानी है, जिसपर इस साल वन विभाग ने रोक लगा दी है. लखीमपुर के बुखेरी के गाजीपुर गांव के निवासी संजय पासवान अपने पूरे परिवार के साथ अपने बेटे गोलू का मुंडन कराने दरगाह जा रहे थे. लेकिन, वन विभाग ने उन्हें भी रोक दिया, जिससे लोगों में मायूसी छा गई है.
गाड़ियों की आवाजाही पर रोक
हजरत लक्कड़ शाह की दरगाह जाने वाले मुख्य रास्ते पर वन विभाग, पुलिस और पीएसी की टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो दोनों समुदाय के जायरीन को दरगाह जाने से रोक रही हैं. वन विभाग के रजनीश यादव ने बताया है कि गाड़ियों को अंदर जाने से रोका जा रहा है. वहीं जियारत के लिए आए शरावती जिले के बशीर अहमद और बेहरा जिले के मुहम्मद रिजवान, काशी नगर के रिहा नूर मुहम्मद ने बताया है कि सिर्फ पैदल ही तीर्थयात्रा पर जाने की इजाजत दी गई है.
पिछले साल वन विभाग ने जंगल के बीच बने लक्कड़ शाह की दरगाह को लेकर एक नोटिस जारी किया था, जिसे लखनऊ कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोटिस पर आपत्ति जताए बिना आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.