Amethi: 200 साल से है कब्जा? नूर मोहम्मद की जमीन पर अब चलेगा बुलडोजर, जानें- वजह
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Amethi: 200 साल से है कब्जा? नूर मोहम्मद की जमीन पर अब चलेगा बुलडोजर, जानें- वजह

Bulldozer Action in Amethi: अमेठी में एक मुस्लिम परिवार के घरों पर बुलडोजर एक्शन का खतरा मंडरा रहा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि प्रशासन ने बगैर नोटिस दिए उनकी जमीन की पैमाइश शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि इस जमीन को बस स्टॉप विकसित करने के लिए चिन्हित किया गया है.

 

अमेठी में अवैध भूमि पर चलेगा बुलडोजर
अमेठी में अवैध भूमि पर चलेगा बुलडोजर

Amethi News Today: उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक बार फिर बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई अमेठी में बस स्टॉप के लिए चिह्नित की गई भूमि अवैध कब्जा कर लिया गया था, जिसको प्रशासन ने चिन्हित करने के बाद बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. दूसरी तरफ यहां रहने वाले व्यक्ति ने दावा किया कि उसके आबाए वजदाद पिछले दो सौ सालों से इसी जमीन पर रह रहे हैं.

शुक्रवार (11 अप्रैल) को स्थानीय पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंची राजस्व विभाग की टीम जमीन की पैमाइश करने में जुटी है. जमीन की पैमाइश के बाद चिन्हित भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण को प्रशासन के जरिये बुलडोजर से गिरवाकर खाली करवाया जाएगा. इस भूमि पर रहने वाले व्यक्ति का दावा है कि उसकी पैदाइश यहीं हुई हैं और इस जमीन पर उसका और इससे पहले उसके आबाए वजदाद का दो सौ सालों से कब्जा रहा है.

पीड़ित व्यक्ति का दावा है कि प्रशासन बगैर किसी नोटिस के कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. यह पूरा मामला अमेठी के जायस कस्बा क्षेत्र के जगदीशपुर रोड का है, जहां गाटा संख्या 2143 बस स्टेशन बनाने के लिए चिन्हित की गई थी. इसी जमीन पर नूर मोहम्मद का परिवार पिछले कई सालों से रहता आ रहा है.

इसी जमीन पर नूर मोहम्मद के बेटे इसरार और दिलशाद के कच्चे पक्के मकान है. इसके साथ ही बेटी जुबैदा खातून को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कालोनी भी मिली हुई है. आज शुक्रवार को दोपहर करीब तीन तहसीलदार अजय सिंह की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जमीन की पैमाइश शुरू कर दी.

विवाद की आशंका को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि जमीन की पैमाइश का काम पूरा होने के बाद अवैध अतिक्रमण को भी गिरवाया जाएगा. मौके पर दो जेसीबी मशीनों को तैयार रखा गया है.

इस पूरे मामले में नूर मोहम्मद ने कहा कि इसे गिराने के लिए हमें कोई नोटिस नहीं मिला है. लेखपाल और पटवारी भूमाफियों और चेयरमैन से मिलकर सब उल्टा सीधा कर रहे है. नूर मोहम्मद ने दावा किया है कि उनका परिवार पिछले दो सौ सालों से यहां रह रहा है.

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