'घर खाली करो या बमबारी झेलो...', नेतन्याहू नहीं, पाकिस्तान की फौज बनी मुसलमानों की दुश्मन!
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'घर खाली करो या बमबारी झेलो...', नेतन्याहू नहीं, पाकिस्तान की फौज बनी मुसलमानों की दुश्मन!

Pakistan News: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने कुछ किसानों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने तय वक्त के भीतर अपनी फसलें नहीं काटीं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर देशभर में विवाद हो रहा है.

'घर खाली करो या बमबारी झेलो...', नेतन्याहू नहीं, पाकिस्तान की फौज बनी मुसलमानों की दुश्मन!

Pakistan News: पाकिस्तानी सेना अपने ही नागरिकों से आतंकियों जैसे सलूक कर रही है.सेना पर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में निर्दोष लोगों का अपहरण करने और उनकी हत्या करने का आरोप है, क्योंकि सरकार को डर है कि लोगों के विद्रोह के कारण पाकिस्तान टूट सकता है. अब खैबर पख्तूनख्वा से बड़ी खबर सामने आई है, जहां पीओजेके कार्यकर्ता अमजद  मिर्ज़ा ने सेना पर संगीन इल्जाम लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि सेना आतंकवादियों के खिलाफ "सफाई अभियान" के बहाने खैबर पख्तूनख्वा में बड़े पैमाने पर सैन्य हमला कर सकती है, जिससे निर्दोष नागरिकों को भारी नुकसान होगा और लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

पीओजेके कार्यकर्ता अमजद  मिर्ज़ा ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में मिर्ज़ा ने इल्जाम लगाया कि उत्तरी और दक्षिणी वज़ीरिस्तान के साथ-साथ बाजौर समेत मुख्तलिफ जिलों के स्थानीय लोगों को अपनी फसल काटने और अपने घरों को छोड़ने के लिए केवल तीन दिन का वक्त दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि इन आदेशों के पीछे असली मकसद गैस, सोना, तांबा, यूरेनियम और लिथियम युक्त संसाधन-समृद्ध भूमि पर बसे पश्तून गांवों को उजाड़ना है.

मिर्ज़ा के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने कुछ किसानों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने तय वक्त के भीतर अपनी फसलें नहीं काटीं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा बलों ने बाजौर की जनजातियों को तीन विकल्प दिए हैं. पहला विकल्प यह है कि लोग अपनी-अपनी फसलें जल्दी काट लो. दूसरा विकल्प यह है कि एक-दो दिन के लिए घर खाली कर दे या फिर ऑपरेशन के दौरान अपनी जान खुद बचाओ.
 
पीओजेके कार्यकर्ता अमजद  मिर्ज़ा को सेना के इस सलाह पर शक है और वह इसे खुली धमकी मानते हैं. मिर्जा को डर है कि इस ऑपरेशन के नाम पर भारी बमबारी या सख्त सैन्य कार्रवाई की जा सकती है, जिसका आम लोगों पर बुरा असर पड़ेगा. अमजद  मिर्ज़ा का कहना है कि सरकार और सुरक्षा बलों को लोगों की जान-माल की सुरक्षा के बारे में भी सोचना चाहिए, न कि सिर्फ़ फ़सलें हटाने और ऑपरेशन चलाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. 

सेना पर संगीन इल्जाम
साथ ही मिर्जा ने जोर देकर कहा है कि यहां कोई आतंकी नहीं है, बल्कि असली आतंकवादी पाकिस्तानी सेना ही है. उन्होंने सेना पर पश्तून इलाकों में सालों से उत्पीड़न, विस्थापन और विनाश का आरोप लगाया. उन्होंने इन कथित अभियानों को पश्तूनों को उनकी पुश्तैनी ज़मीनों से बेदखल करने और उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने की एक व्यापक योजना से जोड़ा.

झड़प में 14 साल के लड़के की मौत
मिर्ज़ा ने हाल ही में दक्षिणी वज़ीरिस्तान में हुई एक झड़प का भी ज़िक्र किया, जिसमें एक 14 साल का लड़का मारा गया था और बताया कि बन्नू में फ्रंटियर कॉन्स्टेबुलरी चौकियों को कई ड्रोन हमलों और विस्फोटों का निशाना बनाया गया है. एक घटना में एक फ्रंटियर कॉन्स्टेबुलरी अधिकारी की पत्नी एक हमले में घायल होने के बाद अस्पताल ले जाते समय मर गई.

भ्रष्टाचार को लेकर संगीन इल्जाम
कार्यकर्ता ने स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया और एक घटना का हवाला दिया जिसमें दक्षिण वज़ीरिस्तान के एक लेखा अधिकारी पर पुलिस विभाग के कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि (जीपी) से करोड़ों रुपये के गबन और हथियारों की हेराफेरी का आरोप लगाया गया था. उन्होंने स्थानीय नेता मौलाना खान ज़ैद के दावों को दोहराया, जिन्होंने कहा था कि अकेले उत्तरी वज़ीरिस्तान में 20 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस और 500 मिलियन बैरल तेल है और मिर्ज़ा का मानना है कि ये संसाधन मौजूदा विस्थापन के लिए केंद्रीय हैं.

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