Dhaka Assembly Election 2025: ढाका विधानसभा में मुसलमानों की आबादी 32 फीसद से ज्यादा है. ऐसा माना जाता है कि मुसलमान जिसे चाहते हैं, वही चुनाव जीतता है लेकिन 2020 का चुनाव मुसलमानों के लिए 90 डिग्री का टर्निंग पॉइंट बन गया.
Trending Photos
Dhaka Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य का सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है. राजनीतिक जानकार और आम लोग अपने-अपने विधानसभा चुनावों को लेकर भविष्यवाणियां कर रहे हैं और अंदाज़ा लगा रहे हैं कि कौन सी पार्टी जीतेगी. ऐसे में आज हम बात करने जा रहे हैं पूर्वी चंपारण की सबसे हॉट सीट ढाका विधानसभा की. जहां मुसलमान किंगमेकर की भूमिका में हैं, लेकिन पिछली बार वहां से बीजेपी विधायक पवन जायसवाल जीते थे. आज हम ढाका के ज़मीनी समीकरण बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
ढाका विधानसभा में मुसलमानों की आबादी 32 फीसद से ज्यादा है. ऐसा माना जाता है कि मुसलमान जिसे चाहते हैं, वही चुनाव जीतता है. इसका उदहारण साल 2020 का विधानसभा चुनाव है. इस चुनाव में फ़ैसल रहमान (राजद) और पवन कुमार जायसवाल (भाजपा) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था.
साल 2020 चुनाव में क्या था मुसलमानों का रुख
माना जाता है कि मुसलमान तत्कालीन राजद विधायक से नाराज़ थे और तत्कालीन बीजेपी उम्मीदवार पवन कुमार जायसवाल की भी मुसलमानों में व्यक्तिगत पकड़ है. इसी वजह से पवन जायसवाल को मुस्लिम इलाकों में भी वोट मिले, जिससे उनकी जीत हुई थी. यह जीत ठीक-ठाक मार्जिन से हुई थी. इस चुनाव में पवन जायसवाल को 99,792 वोट (48.01%) मिले, जबकि फैसल रहमान को 89,678 वोट (43.15%) मिले, जिससे साफ पता चलता है कि मुस्लिम मतदाता नतीजों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं.
आगामी चुनाव में क्या होगा मुसलमानों का रुख
2024 के लोकसभा चुनाव में राजद ने ढाका विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को 12,818 मतों से हराकर बढ़त बना ली थी. इस चुनाव से पता चलता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन उम्मीदवार की जीत हो सकती है, लेकिन पवन जायसवाल भी चुनावी मैदान में होंगे. जिससे यह चुनाव दिलचस्प हो सकता है. कुछ जानकारों का मानना है कि कुछ मुसलमानों का झुकाव अभी भी पवन जायसवाल की ओर है और वह मुस्लिम इलाकों में कड़ी मेहनत भी करते हैं. पिछली बार मुसलमानों का मौजूदा विधायक से मोहभंग हो गया था. देखना यह है कि इस चुनाव में मुसलमानों का रुख क्या रहता है. अगर मुसलमानों का रुख साल 2020 जैसा रहा तो ढाका से भाजपा उम्मीदवार की जीत होगी.