AMU Fee Hike: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फीस हाइक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब सियासी पार्टियां भी स्टूडेंट्स के साथ आकर खड़ी हो गई हैं. कई सांसदों ने वीसी को खत लिखा है और आज कांग्रेस ने बड़ी वॉर्निंग दे दी है.
Trending Photos
AMU Fee Hike: एएमयू में फीस में इजाफा होने से स्टूडेंट नाराज हैं. लेकिन अब ये मामला सियासी भी हो गया है. कई पार्टियां छात्रों के आंदोलन में उतर गई हैं और तलबा का समर्थन कर रही हैं. सपा, कांग्रेस, एआईएमआईएम ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की मजम्मत की है और स्टूडेंट्स के साथ खड़े होने की बात कही है.
मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ता एएमयू सर्कल से कलेक्ट्रेट तक मार्च निकालते हुए पहुंचे और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की. कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने कुलपति का पुतला फूंका और एसीएस को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में 15 अगस्त तक बढ़ी हुई फीस के फैसले को वापस लेने की मांग की गई.
कांग्रेस ने वॉर्निंग दी है कि अगर बढ़ी हुई फीस का फैसला रद्द नहीं किया गया तो 16 अगस्त से वह स्टूडेंट्स के साथ एएमयू कैंपस में अनिश्चितकालीन धरना देंगे. कांग्रेस की तरह सपा और एआईएमआईएम भी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक एएमयू प्रशासन ने अचानक फीस में 30-35 फीसद तक का इजाफा किया है. जिसकी वजह से छात्र नाराज नजर आ रहे हैं.
उधर सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इस मामले में एएमयू के वीसी को खत लिखा है. उन्होने कहा है कि प्रशासन का ये फैसला तलबा पर गैरज़रूरी मआशी बोझ डाल रहा है. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को कॉन्फीडेंस में लाए बिना फीस में इज़ाफ गया है. फीस में इतनी बढ़ौतरी एएमयू के मिशन को कमजोर करने का काम करती है.
संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क ने भी यूनिवर्सिटी के वीसी को खत लिखा है, और फीस में इजाफे की तरफ अपना ध्यान देने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि फीस में इतना इजाफा करना और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बल प्रयोग करना सर सैयद अहमद खान के किफायती शिक्षा के नजरये को कमजोर करता है.
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी स्टूडेंट्स के साथ खड़े होने की बात कही है. उन्होंने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया,"अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ पूरी एकजुटता. विश्वविद्यालय को अपनी फीस में इजाफा जल्द से जल्द वापस लेनी चाहिए. एएमयू के कई छात्र पिछड़े इलाकों और बेहद गरीब परिवारों से आते हैं. फीस में 35%-40% की बढ़ोतरी उनके लिए असहनीय है."
- 36 फीसद तक ट्यूशन फीस में किए गए इजाफे को कम किया जाए.
- प्रॉक्टरियल टीम के जरिए छात्रों के साथ बदसलूकी मामले में इंसाफ मिले.