Inspector Subodh Kumar Singh Murder Case: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 2018 की चिंगरावठी हिंसा में गोकशी की अफवाह पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक नौजवान सुमित की हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस के जरिये नामजद 38 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है.
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Bulandshahr Violence Case: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के चिंगरावठी गांव में साल 2018 में हुई भीड़ हिंसा मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. 3 दिसंबर 2018 को गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय नौजवान सुमित की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में नामजद किए गए सभी 38 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है.
बताया जा रहा है कि इन आरोपियों में कई लोग हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हुए हैं. इस मामले की सुनवाई बुलंदशहर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी. अब कोर्ट 1 अगस्त को इन सभी दोषियों की सजा का एलान करेगा. इस घटना ने उस समय पूरे उत्तर प्रदेश और देश को झकझोर दिया था, क्योंकि इसमें एक पुलिस अधिकारी की भीड़ के जरिये हत्या कर दी गई थी. इस केस को लेकर कई बार राजनीति भी गरमा गई थी.
बुलंदशहर के चिंगरावठी में 2018 में हिंसा भड़क गई थी. इस मामले में 7 साल बाद कोर्ट ने 38 आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब सजा का फैसला शुक्रवार (1 अगस्त) को सुनाया जाएगा. यह हिंसा जिले के स्याना कोतवाली के महाव गांव में कथित गोवंश के अवशेष मिलने के बाद भड़की थी.
उस दिन भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को आग लगा दी थी. हिंसा में स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक स्थानीय नौजवान सुमित की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में 44 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 5 की मौत हो चुकी है और एक नाबालिग आरोपी पहले ही रिहा हो चुका है.
मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य योगेश राज, जो एक हिंदू संगठन से जुड़ा है. योगेश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आया है. फैसले के दिन कोर्ट में दो थानों की फोर्स तैनात की गई थी. दोषियों के वकील अशोक डागर ने कहा कि वे दोष सिद्धि के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और हाई कोर्ट जाएंगे.
बता दें, 3 दिसंबर 2018 को स्याना कोतवाली के गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिलने की खबर पर हिंदूवादी संगठनों के साथ-साथ स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और गोकशी का विरोध किया. आरोप है कि योगेश राज ने अपने समर्थकों के साथ लोगों को इकट्ठा कर भड़काया.
भीड़ ट्रैक्टर-ट्रॉली में गोवंश के अवशेष लेकर बुलंदशहर हाईवे पर मौजूद चिंगरावठी पुलिस चौकी पहुंची और हाईवे जाम कर दिया. पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव कर दिया और पुलिस चौकी में आग लगा दी.
हिंसा के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार शहीद हो गए और स्थानीय नौजवान सुमित की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद पुलिस ने गोकशी के 10 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया और मामले को काबू में किया गया.