Karnataka News: कर्नाटक जाति जनगणना की रिपोर्ट में पाया गया है कि मुस्लिम समुदाय समाजी तौर पर बेहतर है. लेकिन, आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. इसके साथ ही पूर्व मंत्री तनवीर सिंह ने भी कहा है कि मुस्लिम कम्युनिटी शिक्षा और आर्थिक स्तर पर ST और SC से बहुत नीचे है
Trending Photos
Karnataka News: कर्नाटक सरकार ने राज्य में जाति जनगणना सर्वे कराया, जिसकी रिपोर्ट में अब सामने निकल कर आया है कि कर्नाटक में मुसलमानों के हालात सामाजिक तौर पर तो बेहतर है. लेकिन, आर्थिक तौर पर राज्य में मुसलमान पिछड़े हुए है. कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों की सिफारिश पर रिजर्वेशन चार फीसद से बढ़ाकर आठ फीसद कर दिया है.
जाति जनगणना में पाया गया है कि मुसलमानों के पिछडे़ंपन का स्कोर 200 में से सिर्फ 89.25 है, जो कि यादव समुदाय से भी नीचे है. वहीं अगर हम मुसलमानों के सामाजिक स्कोर की बात करे तो वह 100 में से सिर्फ 19.71 है. जो जैन समुदाय के करीब है. जैन समुदाय का स्कोर 19.73 है. अगर बात शिक्षा के बारे में कही जाए तो मुसलमानों का स्कोर 68 में से सिर्फ 42.60 है. वहीं आर्थिक स्कोर 32 में से 26.94 के साथ है, जो मुसलमानों को सबसे पिछड़ा बनाता है. इसके साथ ही हम आपको बता दें कि जितना ज्यादा स्कोर होगा, समुदाय उतना ही ज्याद पिछड़ा होगा.
धर्म के आधार पर कोटा नहीं- बीजेपी
कर्नाटक जाति जनगणना में यह भी पता चला कि जैन और ईसाई कम्युनिटी सबसे आगे रहने वाले समुदायों में शामिल है. ईसाई कम्युनिटी ब्राहम्ण के बाद आगे रहने वाली दूसरी कम्युनिटी है. मुसलमानों के इस पिछड़ेपन के वजह से कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरक्षण को बढ़ा दिया है. इस पर बीजेपी ने निशाना साधते हुए कहा है कि संविधान में धर्म-आधारित कोटा देने की इजाजत नहीं है.
ST और SC से भी नीचे मुस्लिम कम्युनिटी
वहीं पूर्व मंत्री तनवीर सिंह ने कहा, "समिति की रिपोर्ट से साफ जाहिर हो रहा है कि मुस्लिम कम्युनिटी शिक्षा और आर्थिक स्तर पर ST और SC से बहुत नीचे है. हम नहीं चाहते कि एससी/एसटी और ओबीसी को कार्यक्रम दिए जाएं. हम सिर्फ शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार पर सहायता चाहते हैं."
मुस्लिम माइनॉरिटी की ऐसी ही खबरों के लिए विजिट करें https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam