BMC चुनाव से पहले नवाब मलिक की धमाकेदार वापसी, NCP ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
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BMC चुनाव से पहले नवाब मलिक की धमाकेदार वापसी, NCP ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

BMC Election 2025: BMC चुनाव से पहले अजित पवार की NCP ने नवाब मलिक को चुनाव समन्वय समिति का प्रमुख नियुक्त किया. मानखुर्द-शिवाजी नगर से हार के बाद यह उनकी मुंबई राजनीति में वापसी मानी जा रही है. अब वे महायुति गठबंधन के साथ सीट बंटवारे पर अहम भूमिका निभाएंगे.

BMC चुनाव से पहले नवाब मलिक की धमाकेदार वापसी, NCP ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

Nawab Malik News: महाराष्ट्र में बीएमसी चुवान से पहले अजित पवार की अगुलाई वाली NCP ने आज महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को चुनाव समन्वय समिति का प्रमुख नियुक्त किया. पिछले साल मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव हारने के बाद नवाब मलिक की मुंबई की राजनीति में वापसी मानी जा रही है.

राज्य में महायुति की सरकार है और इस गठबंधन में भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी शामिल है. अगर  महायुति गठबंधन साथ में BMC की चुनाव लड़ती है, तो चुनाव समन्वय समिति के प्रमुख होने के नाते मलिक अब महायुति के सहयोगियों से सीटों के बंटवारे पर चर्चा कर सकते हैं.

नवाब मलिक को चुनाव समन्वय समिति का प्रमुख नियुक्त करने के बाद पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा, "नवाब मलिक आगामी नगर निगम चुनावों के लिए मुंबई में पार्टी की चुनावी रणनीति तय करने के लिए जिम्मेदार होंगे. इसमें चुनाव लड़ने वाली सीटों, उम्मीदवारों और पार्टी के भीतर समग्र समन्वय को अंतिम रूप देना शामिल है." 

गौरतलब है कि मानखुर्द-शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से 2024 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद मलिक को राजनीतिक रूप से कम ही सक्रिय देखा गया. उन्होंने अपनी बेटी के लिए अणुशक्तिनगर की अपनी मौजूदा सीट खाली कर दी थी, जो चुनाव जीतने में सफल रही. सरकार के पिछले कार्यकाल में मलिक का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा, जिसमें वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किया गया.

नवाब मलिक को लेकर विवाद
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मलिक की सत्ता पक्ष में मौजूदगी के खिलाफ थी. भाजपा ने मलिक की संलिप्तता पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि कुर्ला में गोवावाला परिसर की संपत्ति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में ईडी ने 23 फरवरी, 2022 को मलिक को गिरफ्तार किया था. मलिक को अगस्त 2023 में स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर रिहा किया गया था, जिसके बाद अजित पवार के गुट के भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद वह फिर से एनसीपी में शामिल हो गए.

बीजेपी ने जताया था विरोध
नागपुर में राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान सत्ता पक्ष में मलिक की उपस्थिति से भाजपा में असंतोष फैल गया. इसके जवाब में, तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक कड़े शब्दों वाला पत्र जारी कर मलिक के सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ने पर आपत्ति जताई. फडणवीस ने लिखा था, "हम नवाब मलिक को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल करने का कड़ा विरोध करते हैं. हालांकि उन्हें विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने का अधिकार है, लेकिन उन्हें एनसीपी में शामिल करना अस्वीकार्य है, क्योंकि वह ज़मानत पर हैं और आरोपों से मुक्त नहीं हुए हैं."

इनपुट-आईएएनएस

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