Colonel Sophia Qureshi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद भारत ने Operation Sindoor में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला कर 90 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया. कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन की जानकारी दी, जो मुस्लिम देशों को सख्त संदेश है.
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Colonel Sophia Qureshi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में बैठे दहशतगर्दों पर 'Operation Sindoor' के तहत बड़ी कार्रवाई की है. भारतीय सेना और एयरफोर्स के जांबाज जवानों ने पाकिस्तान और PoK 30 किमी भीतर तक घुसकर आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें 90 से ज्यादा दहशतगर्द मारे गए.
इस हमले में भारत के सबसे बड़े आतंकी मसूद अजहर के परिवार का सफाया हो गया है. अजहर के परिवार के 10 सदस्य और उसके 4 करीबी मारे गए हैं. मसूद अजहर मुंबई हमले समेत भारत में कई दूसरे आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है. वो खुले तौर पर भारत को अपना दुश्मन बताता है, और भारत के खिलाफ आतंकवादी कार्रवाई की हिमायत करता है.
सोफिया कुरैशी ने निभाया अपना फर्ज
इस ऑपरेशन की सबसे ख़ास बात और संदेश ये है कि इसमें एक मुस्लिम महिला अधिकारी को शामिल किया गया था. वो इस टार्गेटेड हमले को लीड कर रही थीं. कामयाब ऑपरेशन के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया ने एक अन्य महिला विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ प्रेस कांफ्रेंस को खिताब किया और इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी. ये काम सरकार और सेना चाहती तो तो सेना के किसी बड़े अधिकारी या फिर पीएम खुद कर सकते थे, जैसा कि पीएम मोदी करते भी हैं. लेकिन इस बार कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को ये काम सौंपकर सेना और सरकार ने एक साथ कई संदेश दिए हैं.
क्यों रखा गया इस ऑपरेशन का का नाम 'Sindoor'?
पहले तो इस ऑपरेशन का नाम 'Sindoor' दिया गया, जो यह साबित करता है कि भारत का ये बदला उन बेटियों और बहुओं के लिए था, जिनका पहलगाम के आतंकवादी हमले मजहब पूछकर सिंदूर उजाड़ा गया था. पहलगाम हमले में पहली बार धर्म पूछकर पुरुषों की टारगेट किलिंग की गई थी. इसलिए सिंदूर उजाड़ने का बदला भी देश की बेटियों ने ही लिया है. देश ने साबित कर दिया कि भारत की बेटियां भी पुरुषों से कम नहीं है.. अगर वो चूड़ियां पहनती है, सिंदूर लगाती है, तो ज़रुरत पड़ने पर दुश्मनों की चूड़ियां भी टाइट कर सकती हैं, और बदले में दुश्मनों के बेटियों के भी सिंदूर उजाड़ सकती है!
पहलगाम हमले की इनसाइड स्टोरी
पहलगाम हमले का पूरा मकसद देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता और सौहार्द्र को बिगाड़ना था. देश में मौजूद कुछ निहित स्वार्थों ने इस बिगाड़ने की भी कोशिश की, लेकिन देश वासियों ने इस साजिश को नाकाम कर दिया. सेना ने भी इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में एक मुस्लिम महिला अफसर को शामिल कर साफ़ कर दिया है कि देश की सेना और सुरक्षा के सवाल पर साम्प्रदायिक कार्ड नहीं चलेगा, चाहे आप सियासत में जितना भी ज़हर बो लें.
मुसलमान अपने देश के लिए मरने को हैं तैयार
देश का कोई भी साम्प्रदायिक तत्व देश के मुसलमानों की देशभक्ति पर भी सवाल नहीं उठा सकता है? मुसलमानों को किसी को अपनी देशभक्ति का प्रमाणपत्र भी दिखाने की ज़रूरत नहीं है. जब कभी देश को उसकी ज़रूरत होगी वो अपनी कुर्बानी देने के लिए सबसे आगे की पंक्ति में खड़ा मिलेगा, ठीक वैसे ही जैसे लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी खड़ी थी. भविष्य में कर्नल सोफिया कुरैशी अब मुसलमानों की नई आइकॉन होंगी. वो वीर अब्दुल हमीद, एपीजे कलाम और दूसरे की तरह याद रखी जाएंगी.
सरकार ने दिया बड़ा संदेश
सरकार ने ऑपरेशन से लेकर प्रेस ब्रीफिंग तक में सोफिया कुरैशी को आगे रखकर ये संदेश भी देने की कोशिश की है, कि मुल्क का कोई भी मुसलमान पाकिस्तान परस्त नहीं है. वो देश से प्रेम करना , देश के लिए जीना और ज़रूरत पड़ने पर देश के लिए मरना और मारना भी जानता है, और इसमें आगे भी रहता है. सेना ने ये भी संदेश दिया है कि भारत का इस्लाम या पाकिस्तान दुश्मन नहीं है, बल्कि उसका दुश्मन हर तरह का आतंकवाद है, जो पाकिस्तानी की भूमि पर पनपता है, और पोषित होता है, जिसका इस्तेमाल भारत के विरोध में किया जाता है.
दुनिया के लिए एक खास संदेश दे गई सोफिया कुरैशी
सोफिया के बहाने सेना और सरकार ने पकिस्तान और दुनिया के दूसरे मुल्कों को संदेश दे दिया है, जो ये कहते हैं कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होता है, और उनके साथ ज्यादती होती है. इससे दुनिया भर में सन्देश गया है कि भारत का मुस्लिम अल्पसंख्यक देशी की बड़ी सामरिक कारवाईयों में लीडर की भूमिका निभाता है. एपीजे कलाम अगर मिजाइल बनाते हैं, तो सोफिया कुरैशी जैशी महिला अफसर उन्हें उनके सही ठिकाने पर पहुंचाना भी जानती हैं. कर्नल सोफिया जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में आत्मविश्वास से लबरेज होकर सधे अंदाज़ में हिंदी में अपनी बातें रख रही थी, तब वह दरअसल, देश के करोड़ों मुस्लिम नौजवानों को प्रेरणा दे रही थीं, कि देश में उनका स्थान कहाँ और कितना है?