Lailatul Qadr: श्रीनगर की जामिया मस्जिद में शब-ए-कदर की नमाज़ पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई थी. इसको लेकर अब महबूबा मुफ्ती ने बड़ा इल्जाम लगाया है. पूरी खबर पढ़ें.
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Lailatul Qadr: श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में शब-ए-कदर के दौरान इबादत करने की इजाज़त नहीं दी गई. जिसपर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने नाराज़गी का इज़हार किया है. उनके साथ घाटी में बड़ी संख्या में नेताओं ने सुरक्षा एजेंसियों के जरिए की गई इस कार्रवाई की निंदा की है. महबूब मुफ्ती ने इसे कलेक्टिव पनिशमेंट बताया है.
लैलातुल कद्र की पवित्र रात को जामिया मस्जिद को बंद करना कश्मीरियों पर लगाए गए कलेक्टिव पनिशमेंट का एक और एग्जांपल है. सरकार जो दावा करती है और जश्न मनाती है कि उसने अलगाववाद को खत्म कर दिया है, वह हर कश्मीरी को संभावित अलगाववादी के रूप में देखती है.
महबूब मुफ्ती ने आगे लिखा,"पूरी तरह से सामान्य हालात बहाल करने का उनका झूठा नैरेटिव तब उजागर होता है जब एक ऐतिहासिक मस्जिद को नमाजियों के लिए बंद कर दिया जाता है, जिस रात सभी मुसलमान खूब इबादत करते हैं."
लैलातुल कद्र इस्लाम की पाक रातों में से एक है, जो रमज़ान के आखिरी दस दिनों की रातों में होती है. यह रात फिक्स नहीं की गई है. इस रात कुरआन प्रोफेट मोहम्मद (स.अ) पर नाज़िल हुआ था और इसे हज़ार महीनों से बेहतर कहा गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस रात में फरिश्ते उतरते हैं, दुआएं कबूल होती हैं और गुनाह माफ किए जाते हैं. इस रात नमाज़, कुरआन की तिलावत, दुआ, तस्बीह और तौबा करनी चाहिए.