Lucknow News: लखनऊ में बीती शाम 2 हजार लोगों ने इजराइल और अमेरिका के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. सीजफायर के ऐलान के बाद लोगों ने इजराइल और इस जंग में अमेरिका के रोल की मजम्मत की और साथ ही भारतीय सरकार की तारीफ की.
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Lucknow News: ईरान और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष के बाद जब सीजफायर का ऐलान हुआ, तो इसके बाद अमेरिका-इज़राइल विरोध में एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया गया. इस प्रदर्शन में शिया धर्मगुरु मौलाना यासुब अब्बास समेत अनेक शिया उलेमा, छात्र और आम जनता ने हिस्सा लिया. इस प्रदर्शन का मकसद अमेरिका और इजराइल की मजम्मत करना था, जिनसे ईरान ने जंग लड़ी और जो गाजा में नरसंहार के दोषी माने जा रहे हैं. इस प्रोटेस्ट में करीब दो हजार लोगों ने शिरकत की थी.
प्रदर्शनकारियों ने न केवल 'ईरान जिंदाबाद' के नारे लगाए, बल्कि 'अमेरिका मुर्दाबाद' और 'इज़राइल मुर्दाबाद' के नारों से अपनी नाराजगी और विरोध जाहिर किया. प्रदर्शन के दौरान अमेरिका का झंडा भी जलाया गया, जिससे प्रदर्शन की गरिमा और गुस्सा दोनों झलक रहे थे. मौलाना यासुब अब्बास ने अपने संबोधन में कहा कि वे अमेरिका की सीजफायर के ऐलान पर भरोसा नहीं करते हैं.
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सीजफायर के बाद भी अमेरिका या इज़राइल ने ईरान के खिलाफ कोई कदम उठाया तो इसका जवाब कड़ी प्रतिक्रिया होगी. मौलाना ने कहा कि ईरान ने इज़राइल के ऊपर भारी दबाव बनाया था, इसलिए अमेरिका ने दबाव बनाकर सीजफायर का ऐलान करवाया है. उन्होंने भारत सरकार की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि भारत सरकार ने इस संघर्ष को शांति से सुलझाने की पूरी कोशिश की है.
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हम भारत सरकार और भारतीय एंबेसी के प्रयासों के आभारी हैं, जिन्होंने ईरान और इराक में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने का काम किया. हम भारत सरकार से यह भी गुजारिश करेंगे कि जो मजदूर इज़राइल में फंसे हुए हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द सुरक्षित लौटाया जाए. इस प्रदर्शन ने लखनऊ में ईरान-इज़राइल विवाद को लेकर गहरी चिंता और आक्रोश की झलक दिखाई, साथ ही भारत सरकार के प्रयासों की भी पुष्टि की.
बता दें, इजराइल और ईरान के बींच जंग की शुरुआत 13 जून को हुई थी. इस दौरान इजराइल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट, साइंटिस्ट और सेना के अधिकारियों को निशाना बनाया था. जिसके जवाब में ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागी थीं. 12 दिनों चली इस जंग में 600 से ज्यादा लोगों की जान गई थी.