Ghazipur Court on Umar Ansari: गाजीपुर में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को फर्जी दस्तावेज मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. उन्हें बैरक नंबर 10 में रखा गया है, जहां पहले उनके पिता और भाई भी रह चुके हैं.
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Ghazipur News Today: उत्तर प्रदेश के चर्चित अंसारी परिवार के एक और सदस्य को जेल भेज दिया गया है. सोमवार (5 अगस्तर) को पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की जमानत याचिका मोहम्मदाबाद की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की अदालत ने खारिज कर दी है. अदालत के आदेश पर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
गाजीपुर पुलिस ने उमर अंसारी को इतवार (3 अगस्त) की देर रात लखनऊ के दारुलशफा इलाके से गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में फर्जी दस्तावेज पेश किए थे. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई करते हुए उनको गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के बाद उमर अंसारी को गाजीपुर लाया गया और जिला जेल के बैरक नंबर 10 में शिफ्ट किया गया है. यही वह बैरक है जहां पहले उनके पिता और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, भाई अफजाल अंसारी और अब्बास अंसारी भी रह चुके हैं. पुलिस के मुताबिक उमर अंसारी पर अलग-अलग धाराओं में कुल 7 मुकदमे दर्ज हैं.
इससे पहले उमर अंसारी को कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. फिलहाल उन्हें जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है. बैरक नम्बर १० में रखने पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक पूरे परिवार के लोगों को एक ख़ास नम्बर के काल कोठरी में क्यों रखा जा रहा है? अंसारी परिवार के समर्थक उमर की गिरफ्तारी से काफी नाराज़ हैं, और इसे इस परिवार को कमजोर करने की साजिश बता रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि उमर अंसारी के पिता और पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जेल में मौत हो चुकी है, जिसे परिवार ने संदिग्ध मानते हुए कोर्ट में इसकी जांच के लिए अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे ख़ारिज कर दिया था.
गाजीपुर पुलिस ने इतवार की देर रात उमर अंसारी को लखनऊ के दारुलशफा से गिरफ्तार किया था. उमर अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मां अफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर कर कोर्ट में याचिका दाखिल की, ताकि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई पिता मुख्तार अंसारी की संपत्ति को छुड़ाया जा सके.
गाजीपुर एसपी डॉ. ईरज राजा के मुताबिक, याचिका में अफशां अंसारी के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए, जो फिलहाल वांछित हैं और उन पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है. इस मामले में उमर के वकील लियाकत अली को भी दोषी माना गया है. एफआईआर में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश जैसी धाराएं लगाई गई हैं. पुलिस का दावा है कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश थी और मामले की गहराई से जांच जारी है.
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