NIA on Pahalgam Terror Attack: बीते 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों ने बेगुनाह और निहत्थे पर्यटकों पर हमला कर दिया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. सरहद पार से हुए इस आतंकी हमलों की अब NIA गहनता से जांच कर रही है. इसी क्रम में NIA दो आंतिकयों को गिरफ्तार किया है.
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Jammu Kashmir News Today: एनआईए ने पहलगाम आतंकी हमले में आतंकियों की मदद करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों की पहचान बशीर और परवेज के रूप में हुई है. एनआईए ने पहले इन्हें गिरफ्तार कर एनआईए कोर्ट के सामने पेश किया था, जहां से उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया था.
रिमांड खत्म होने पर आज शुक्रवार (27 जून) को एक बार फिर दोनों आरोपियों को जम्मू स्थित एनआईए कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों को अब 10 दिन की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है. एनआईए को जांच में पता चला है कि बशीर और परवेज ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकियों की मदद की थी. फिलहाल दोनों से एनआईए की टीम गहन पूछताछ कर रही है.
हमले के ठीक अगले दिन यानी 23 अप्रैल को पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन शुरू हो गया. भारत ने इसके जवाब में कूटनीतिक मोर्चा भी खोला और सिंधु जल संधि को खत्म कर पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए.
इसके बाद 7 मई को भारतीय सेना ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते "ऑपरेशन सिंदूर" के जरिये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्चपैड्स को निशाना बनाया और कई ठिकानों को तबाह कर दिया. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8 और 9 मई को ड्रोन और मिसाइलों से भारत पर हमले किए, लेकिन भारत ने न सिर्फ इन हमलों को नाकाम किया बल्कि लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य सैन्य ठिकानों को भी जवाबी हमले में तबाह कर दिया.
अब इसी हमले के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान बशीर और परवेज के रुप में हुई है. जांच में सामने आया है कि इन दोनों ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को मदद पहुंचाई थी. पहले इन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा गया था और अब कोर्ट ने इन्हें 10 दिन की और रिमांड पर भेज दिया है.
NIA दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है. माना जा रहा है कि इनसे आतंकियों के नेटवर्क और अन्य सहयोगियों के बारे में अहम सुराग मिल सकते हैं. पहलगाम हमला भले ही शांत हो चुका हो, लेकिन जांच एजेंसियों की नजर अब उन हर कड़ी पर है, जिसकी वजह से आतंकी हमले को अंजाम देकर भागने में कामयाब रहे.