Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पट्टे की जमीन पर बनी मस्जिद को लेकर प्रशासन की सख्ती के बाद मुस्लिम समुदाय ने खुद विवादित मस्जिद को शहीद कर दिया. शांति और विवाद से बचने के लिए समुदाय ने मस्जिद हटाने का फैसला लिया.
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Pilibhit News: उत्तर प्रदेश में कथित अवैध मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों पर योगी सरकार कड़ी नजर रख रही है और एक के बाद एक कई मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है. इस बीच पीलीभीत से एक बड़ी खबर आई है. जहां पूरनपुर तहसील क्षेत्र के गांव भरतपुर के मुजरा नेहरू नगर में पट्टे की जमीन पर बनी मस्जिद को लेकर नोटिस जारी होने के बाद प्रशासन के दबाव के बाद मुस्लिम समुदाय ने खुद ही मस्जिद हटा ली है. हालांकि नोटिस का जवाब 16 तक देना था.
दरअसल, 1992 में शारदा नदी ने हजारा थाना क्षेत्र के नेहरू नगर गांव में कटान किया था, जिसमें ग्रामीणों के घर और मस्जिद शारदा नदी में समा गए थे. जिन बाढ़ पीड़ितों की कृषि भूमि और घर नदी में समा गए थे, उन्हें प्रशासन ने सरकारी जमीन पट्टे पर देकर रहने और खेती के लिए जमीन मुहैया कराई थी. इसी जमीन के कुछ हिस्से पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था.
विवादित जमीन पर बनी थी मस्जिद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाढ़ पीड़ित जुम्मन और हैदर ने मिलकर पट्टे की जमीन के कुछ हिस्से पर मस्जिद बनवाई थी लेकिन, जब मस्जिद शारदा नदी में बह गई, तो प्रशासन ने मस्जिद के लिए जगह चिह्नित नहीं की. इसी वजह से दोनों बाढ़ पीड़ितों ने पट्टे की जमीन के कुछ हिस्से पर मस्जिद बनवाई थी. तब से मस्जिद में नमाज अदा की जा रही है.
पहले से नमाज पढ़ने पर थी पाबंदी
SDM पूरनपुर अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अप्रैल 2025 में तहसील पूरनपुर ने बाढ़ प्रभावित दोनों किसानों को नोटिस देकर पट्टे की जमीन पर मस्जिद बनाने के संबंध में 16 तारीख 2025 तक जवाब देने को कहा है. नोटिस के बाद ग्रामीणों ने मीटिंग की क्योंकि प्रशासन ने दबाव बनाया था कि अगर पट्टे की जमीन पर कोई दूसरा काम किया गया तो पट्टा निरस्त कर दिया जाएगा और किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए मस्जिद में नमाज पढ़ना बंद कर दिया गया था.
मस्जिद को कर दिया गया शहीद
वहीं, आज मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विवाद से बचने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मस्जिद को शहीद कर दिया. फिलहाल इस मामले में अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.