Sambhal Shahi Jama Masjid President Arrest: संभल में बीते साल नवंबर में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में जामा मस्जिद के सदर जफर अली को गिरफ्तार किया है, उन पर कई गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है.
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Sambhal News Today: उत्तर प्रदेश के संभल में बीते साल 24 नवंबर 2024 को शाही जमा मस्जिद के दूसरी बार सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि प्रशासन के सीनियर अधिकारियों के साथ कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इस दौरान भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. पुलिस ने इस मामले अब तक 3 महिलाओं समेत लगभग 79 लोगों को जेल भेज चुकी है. फिलहाल पुलिस और अन्य एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हुई हैं.
इसी कड़ी में बीते रविवार (23 मार्च) को शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. हालांकि बाद में उन्हें गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली की जमानत अर्जी खारिज कर दी. जफर अली के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उम्र कैद और फांसी की सजा की धाराएं लगाई गई हैं. यह एफआईआर संभल कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दीपक राठी ने दर्ज कराई है.
जफर अली पर लगी ये धाराएं
पुलिस ने शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली पर भारतीय दंड संहिता की धारा 230 और 231 के तहत मामला दर्ज किया है. मामले में सांसद जिया-उर-रहमान बरक और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल को भी नामजद किया गया है. ए़डवोकेट जफर अली पर सख्त धाराएं लगाई हैं. इसके तहत धारा 230 में सजाए मौत और 231 में उम्र कैद की सजा का प्रावधान है.
बता दें, संभल हिंसा के चार महीने बाद, जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को भड़काकर दंगा कराया. हालांकि, चंदौसी कोर्ट में पेशी के दौरान जफर अली ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा, "मैंने कोई हिंसा नहीं भड़काई."
अधिवक्ताओं ने लगाए नारे
पुलिस ने शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली को रविवार सुबह 11 बजे उनके घर से हिरासत में लिया था और करीब चार घंटे तक कोतवाली में पूछताछ की. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जफर अली के समर्थन में उनके साथी अधिवक्ता पुलिस गाड़ी के पीछे दौड़े और लोग 'जफर अली जिंदाबाद' के नारे लगाने लगे. मामले में शांति व्यवस्था बरकरार रखने के लिए इलाके में 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.