UP News: दशकों बाद अब जागा प्रशासन, 65 साल पुराने मदरसे पर चलाया बुलडोजर
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UP News: दशकों बाद अब जागा प्रशासन, 65 साल पुराने मदरसे पर चलाया बुलडोजर

Shravasti Madrasa News: श्रावस्ती जिले में अब तक 20 से ज़्यादा मदरसों को अवैध घोषित करके ध्वस्त किया जा चुका है. पूरे जिले में 297 मदरसे हैं, जिनमें से सिर्फ़ 105 को ही उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. 

UP News: दशकों बाद अब जागा प्रशासन, 65 साल पुराने मदरसे पर चलाया बुलडोजर

Shravasti Madrasa News: देशभर में बीजेपी शासित राज्यों में कथित अवैध मस्जिदों और मदरसों पर बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में योगी सरकार के आदेश पर सबसे ज्यादा बुलडोजर की कार्रवाई उत्तर प्रदेश में मस्जिदों, मदरसों, ईदगाहों और कब्रिस्तानों पर की गई है. इस बीच यूपी के श्रावस्ती जिले में सरकारी जमीन पर बने अवैध मदरसों पर बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है. 

श्रावस्ती जिले में अवैध और सरकारी जमीनों पर बने मदरसों पर योगी सरकार का बुलडोजर चल रहा है. 19 जून को हरदत्त नगर गिरण्ट थाना क्षेत्र के बेगमपुर गाँव में अवैध रूप से संचालित सरकारी जमीन पर बने दो मदरसों पर बुलडोजर एक्शन हुआ है. दोनों मदरसों को बुलडोजर से गिरा दिया गया है.इस दौरान भारी संख्या में पुलिस मौजूद थी. प्रशासन के इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया है. वहीं, प्रशासन का कहना है कि जिले में और भी अवैध मदरसों की जांच की जा रही है.

65 साल पुराने मदरसा पर चला बुलडोजर
वहीं, श्रावस्ती जिले में फतेहपुर बनगई गांव में 65 साल पुराने मदरसा इस्लामिया अरबिया अनवारुल उलूम पर बुलडोजर एक्शन हुआ है. प्रशासन का कहना है कि यह मदरसा सरकारी जमीन पर बना है. मदरसा पर बुलडोजर एक्शन तहसीलदार जमुनहा के आदेश पर की गई. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मदरसा ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से बना हुआ था और इसे कई बार नोटिस दिए जाने के बाद हटाया गया है.

इस महीने अब तक 20 मदरसों पर चल चुका है बुलडोजर
गौरतलब है कि श्रावस्ती जिले में अब तक 20 से ज़्यादा मदरसों को अवैध घोषित करके ध्वस्त किया जा चुका है. पूरे जिले में 297 मदरसे हैं, जिनमें से सिर्फ़ 105 को ही उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. प्रशासन बाकी मदरसों को अवैध मानते हुए उनके खिलाफ़ जांच और कार्रवाई कर रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों के अनुसार यह मदरसा 1960 से चल रहा था और गांव के बच्चों को धार्मिक शिक्षा देने का केंद्र था लेकिन प्रशासन का कहना है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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