UAE: भारतीयों के लिए तोहफा बनकर आया रमजान; 500 कैदियों को मिली माफी
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UAE: भारतीयों के लिए तोहफा बनकर आया रमजान; 500 कैदियों को मिली माफी

UAE: रमज़ान के महीने में रहम दिखाते हुए यूएई ने कई हजार कैदियों को रिहा किया है. इन कैदियों में 500 से ज्यादा कैदी हिंदुस्तान से ताल्लुक रखते हैं. यूएई हर साल रमजान के महीने में कैदियों को माफी देता है.

UAE: भारतीयों के लिए तोहफा बनकर आया रमजान; 500 कैदियों को मिली माफी

UAE: रमजान के पाक महीने के दौरान रहम दिखाते हुए यूएई ने कैदियों को माफी देने का ऐलान किया है. रिहा किए गए कैदियों में 500 से ज्यादा भारतीय नागरिक शामिल हैं. फरवरी के आखिर में लागू किए गए इस फैसले के तहत राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 1,295 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था, जबकि प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने 1,518 कैदियों को माफी दी थी.

यूएई ने भारतीय कैदियों को किया रिहा

रमजान के दौरान कैदियों को माफ करने की यह सालाना परंपरा न्याय, हमदर्दी और भारत के साथ मजबूत राजनयिक संबंध बनाए रखने के लिए यूएई की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. बता दें, ये माफी अलग-अलग देशों के लोगों को दी गई है.

क्या है माफीनामे का मकसद

शेख मोहम्मद बिन राशिद के जरिए दिया गया माफीनामा अलग-अलग नेशनैलिटी के लोगों पर लागू होती है जिन्हें दुबई के सुधारात्मक और दंडात्मक सुविधाओं में रखा गया था. इस माफीनामे का मकसद उन्हें अपने परिवारों के साथ फिर से जुड़ने और समाज में फिर से शामिल होने की इजाज़त देना है.

बॉन्ड आदि निपटाने को तैयार सरकार

दुबई के अटॉर्नी जनरल चांसलर एसाम इस्सा अल-हुमैदान ने कहा कि यह फैसला शेख मोहम्मद के उन लोगों को नई शुरुआत देने के समर्पण को दर्शाता है जिन्होंने अपनी सजा काट ली है. शेख मोहम्मद बिन जायद की पहल माफी देने से कहीं आगे तक फैली हुई है, क्योंकि उन्होंने रिहा किए गए कैदियों के वित्तीय दायित्वों (पैनल्टी और बॉन्ड आदि) को निपटाने का भी वादा किया है. इस कदम का मकसद कैदियों और उनके परिवारों दोनों पर बोझ कम करना, घरों में स्थिरता को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना है कि वे फाइनेंशियल रुकावटों के बिना नए सिरे से शुरुआत कर सकें.

दूसरा मौका देने की एक परंपरा

बता दें, रमज़ान माफ़ी यूएई की दया दिखाने और दूसरा मौका देने की परंपरा का हिस्सा है. यह पहल पाक महीने की वैल्यूज पर है, जो माफी, करुणा और पुनर्वास को बढ़ावा देती है. सामूहिक रिहाई सामाजिक स्थिरता को मजबूत करते हुए जेल की आबादी को कम करने में एक व्यावहारिक भूमिका भी निभाती है.

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